Udaipur Child Marriage: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) और पीपल पूर्णिमा (Peepal Purnima) के मौके पर कई जोड़े विवाह के बंधन में बंधेंगे. वहीं, उदयपुर (Udaipur) में इस दिन बड़ी संख्या में बाल विवाह (Child Marriage) होता है जिसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है. हालांकि इसकी रोकथाम प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती भी है. उदयपुर संभाग के जनजाति क्षेत्र में बाल विवाह का चलन है जिसे देखते हुए प्रशासन ने गांवों में जागरूकता अभियान भी चलाया था लेकिन खास असर होता नहीं दिख रहा है.
प्रशासन ने जागरूकता अभियान के साथ अब एक नई पहल की है. अगर कोई व्यक्ति बाल विवाह की जानकारी प्रशासन को देगा तो उसे इनाम दिया जाएगा. बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य डाॅ. शैलेन्द्र पंडया ने कहा कि नगद पुरस्कार की योजना फायदेमंद रहेगी. इससे लोग अधिक से अधिक जुड़ेंगे. उन्होंने बताया कि अक्सर यह सामने आया है कि बाल विवाह रोकने प्रशासन और पुलिस पहुंच तो जाती है लेकिन पाबंद की सामान्य कार्रवाई कर छोड़ दिया जाता है. ऐसी स्थिति में किसी के मन में डर नहीं रहता और रोकथाम साकार नहीं हो पाता.
जानकारी देने वाले की पहचान रखी जाएगी गोपनीय
शैलेंद्र पंडया ने कहा कि बाल विवाह के मामलों में पाबंद करने स्थान पर पुलिस एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. जन जागरूकता के साथ कानूनी कार्रवाई से ही बाल विवाह मुक्त समाज का सपना संभव हो पाएगा. बाल विवाह की सूचना साझा करने के लिए विशेष नम्बर 9784399288 जारी किए गए हैं. उधर, जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बताया किसंभावित बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन उदयपुर सतर्क है. जिला स्तरीय निगरानी समिति के गठन के बाद जिला प्रशासन उदयपुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और गायत्री सेवा संस्थान द्वारा विशेष उपाय करते हुए अब बाल विवाह की सूचना साझा करने वाले को 2100 रुपए नगद पुरस्कार का प्रावधान भी किया जा रहा है. जिससे आमजन की और अधिक सहभागिता सुनिश्चित होगी. सूचना साझा करने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.
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