Online Fraud: क्रिकेट को भारत में धर्म की तरह दर्जा प्राप्त है. इस खेल के देशभर में करोड़ों प्रसंशक है. हालांकि, अब क्रिकेट मैच के नाम पर करोड़ों रुपये का सट्टा भी खेला जाता है. कुछ मोबाइल एप भी हैं, जिसके जरिए कई लोग क्रिकेट मैचों पर बेटिंग (सट्टा) करते हैं. कुछ रुपए लगाकर टीम बनाते हैं और स्कोर के आधार पर जितने पर राशि खेलने वालों के खाते में आ जाती है. कुछ में सीधा सट्टा लगाने से जीतने पर राशि खाते में आती है. इसके साथ ही सट्टा के नाम पर ठगी का धंधा भी चल पड़ा है. ऐसे ही राष्ट्रीय स्तर की एक ठगी का खुलासा उदयपुर पुलिस ने किया है. यहां करोड़ों रुपए की ठगी सामने आई है. पुलिस ने ठगी के एक कॉल सेंटर पर छापा मारकर 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग बाकायदा एक कंपनी बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे. 


 एक दिन का ट्रांजेक्शन करोड़ों रुपए में


ठगों के खिलाफ ये कार्रवाई शहर की सवीना थाना पुलिस ने की. थानाधिकारी योगेंद्र व्यास ने बताया कि सूचना मिली थी कि शहर के  बिलियो गुप्तेश्वर रोड पर एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है और यहां से ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है. सूचना के बाद जब पुलिस वहां पहुंची तो एक बन्द मकान के अंदर लैपटॉप और मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से ऑनलाइन ग्राहकों को विभिन्न सोशल साइट के जरिए अधिक लाभ का लालच देकर झांसे में लेकर कुछ लोग सट्टेबाजी करते मिले. मामले में मुख्य सरगना नवीन सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्राथमिक जांच में सामने आया कि यह देशभर के लोगों को ठग रहे हैं. उन्होंने बताया कि इनका एक दिन का ही ट्रांजेक्शन करोड़ों रुपए में हैं. सभी को गिरफ्तार कर आगे की जांच की जा रही है. 


ऐसे करते थे ठगी, आप भी हो जाएं सावधान


पुलिस जांच में सामने आया कि ये ठग ठगी करने के लिए टेलीग्राम ऐप का उपयोग करते हैं. इसमें रेडी इन आर नाम से ग्रुप बनाया हुआ है. यह लोगों को इस ग्रुप का लिंक भेजते हैं और साथ ही कई टेलीग्राम में सीधे इस ग्रुप में जॉइन हो जाते हैं. लिंक ओपन करने के बाद जैसे ही ग्रुप में जॉइन होते हैं, तो उसमें मैसेज आता है कि बैटिंग कर सकते हैं और 10,000 से लेकर 5 लाख रुपए तक लगा सकते हैं. फिर सट्टा लगाने के लिए एक मोबाइल नम्बर दिया जाता है, जिस पर हेलो भेजते ही पेमेंट ट्रांजेक्शन के लिए स्कैनर आ जाता है. सट्टा लगाने के लिए लोग इस पर पैसे लगा तो देते हैं, लेकिन इसके बाद कुछ भी वापस नहीं मिलता था. ये लोग पूरी राशि हड़प लेते थे. इनके एक दिन का ट्रांजेक्शन करोड़ों रूपये तक पहुंच जाता है. बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट के समय तो और ज्यादा हो जाता है.


इस तरह के खातों में करते थे लेन-देन


पुलिस पूछताछ के दौरान सामने आया कि आरोपियों के पास जो राशि आ रही है, वह बैंक अकाउंट में आ रही है. हालांकि, यह बैंक अकाउंट इनके नाम के नहीं है, क्योंकि अगर यह खुद के नाम वाले बैंक अकाउंट में पैसे मंगवाते तो पकड़े जाने का खतरा रहता. लिहाजा, इन ठगों ने बहुत ही शातिराना तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब लोगों के खातों का इस्तेमाल करते थे. ये लोग उन्हें या तो लोन या फिर कुछ राशि देकर उनके नाम से बैंक अकाउंट खुलवा लेते हैं. इसके बाद उन अकाउंट्स के एटीएम और पासबुक अपने पास रख लेते थे, फिर जैसे ही राशि आती वह एटीएम से थोड़ा-थोड़ा कर निकाल लेते थे.


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