Udaipur News: आपने पुलिस के कमर पर हमेशा एक काले रंग का वॉकी-टोकी देखा होगा. यह तब काम आता है जब मेन टू मेन बात करनी हो, जिससे सूचनाएं जल्द से जल्द आदान-प्रदान हो जाएं. पुलिस इसका काफी उपयोग भी करती है. इधर जेल की बात करे तो यहां जैसे कोई कैदी को संदिग्ध गतिविधि कर रहा होता है और एक सिपाही देख लेता है तो उसे सूचना पहुंचाने के लिए तेज आवाज लगानी पड़ती है. जिससे कई बार कैदी की गतिविधि पकड़ नहीं पाते लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. राज्य सरकार की तरफ से सभी सेंट्रल जेल में वॉकी-टोकी भिजवा दिए हैं. इससे अब यहां भी सीधी मेन टू मेन बात हो पाएगी. इसके अलावा भी अन्य इक्विपमेंट आए हैं.
सबसे बड़ा फायदा यह मिलेगा
जेल अधिकारियों ने बताया कि सबसे बड़ा फायदा कैदियों के जेल से भागने पर रोकने की मदद का होगा. अब तक यह होता था कि अगर कोई कैदी भाग रहा है, जिसे टॉवर पर चढ़े सिपाही ने देख लिया तो वह चिल्लाते हुए आवाज देता है और विसल बजाता है. ऐसे में कैदी अलर्ट होकर जल्दी से भागने की कोशिश करता है और कामयाब भी हो जाता है. उदयपुर सेंट्रल जेल की बात करें तो यहां 14 वॉकी-टोकी आए हैं. यहां निगरानी के लिए तीन टॉवर है. जैसे ही ऐसी संदिग्ध गतिविधि दिखाई देगी तो वॉकी से तुरंत सभी को सूचना मिल जाएगी और कैदी को दबोच पाएगी.
जमीन में रखे अवैध सामान तलाश लेंगे
जेलों में यह भी देखने को मिला है कि अंदर ही कैदी धारदार हथियार, मोबाइल सहित अन्य अवैध समान रखते हैं. तालशी के दौरान भी कई बार मिलते नहीं क्योंकि दीवारों और जमीन में सुराख कर छुपा देते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जिला जेलों में अब राज्य सरकार से इक्विपमेंट उपलब्ध कराए हैं. इसमें हैंड मैटल डिटेक्टर, एलएनजेडडी, डीप सर्च मैटल डिटेक्टर है. इनसे रोजाना जेल में तलाशी होगी जिससे किसी ने अगर जमीन में सुराख कर भी अवैध वस्तु छिपाए हैं तो भी डिटेक्ट ही जाएगी.
अपराधियों की होगी कड़ी निगरानी
उदयपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक राजेन्द्र कुमार ने बताया कि सेंट्रल जेल में राज्य सरकार से वॉकी टॉकी मिले हैं, जिससे अब जेल में मैन टू मैन बातचीत हो पाएगी और अपराधियों की अच्छे से निगरानी की जा सकेगी.
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