Udaipur Illegal Opium Farming: देशभर में काले सोने या ब्लैक गोल्ड (Black Gold) के नाम से विख्यात सबसे महंगी खेती अफीम (Opium Farming) की राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) और मध्यप्रदेश के नीमच (Nimach) जिले में होती है. अकसर हम देखते हैं ही पुलिस अवैध सप्लाई (Illegal Supply) होते इस काले सोने पर कार्रवाई करती है और जब्त करती है. लेकिन इस बार पुलिस ने सप्लाई होते नहीं, बल्कि इस काले सोने की पूरी खेती को ही पकड़ा है. बड़ी बात यह कि 800 किलो से ज्यादा वजन के पौधे बरामद हुए हैं. यह कार्रवाई उदयपुर संभाग की राजसमन्द पुलिस ने की है. हालांकि मामले में आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है लेकिन यह जरूर सामने आया कि यह खेती कौन कर रहा है. अब पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है.
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस
एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि सूचना मिली थी कि जिले के ग्राम पुसालो का खेड़ा ग्राम पंचायत काकरोद में अवैध रूप से अफीम की फसल उगाई गई है, जिसमें डोडे आ चुका है यदि तुरन्त कार्यवाही नहीं की गई तो वह फसल को कटवाकर खुर्द बुर्द हो सकते है. कार्यवाही की जाए तो भारी मात्रा में अफीम के पौधे बरामद हो सकते हैं. इस पर देवगढ़ थाना पुलिस को इन्फॉर्म किया और टीम मौके के लिए रवाना हुई.
खेती छुपाने के लिए बनाई 5-6 फिट की दीवार
टीम ग्राम पुसालो स्थिति खेत पर पहुंची तो देखा कि अफीम की फसल को छुपाने के लिए चारो तरफ गेहूं की फसल बोई गई जिससे अफीम की खेती दिखाई नहीं दे रही थी. यहीं नहीं अफीम की खेती को छुपाने के लिए खेत के चारों तरफ 5 से 6 फिट ऊंची पत्थर की दीवार बनाई गई. राजस्व अधिकारियों से उक्त जमीन के संबंधी रिकॉर्ड देखे गए. जिसके बाद मामले में खेत मालिक पारस पुत्र छितर गुर्जर का नाम सामने आया.
पौधों से जब्त हुआ 868 किलो अफीम
इसके बाद जांच की तो बिना लाईसेन्स/पट्टा के अवैध रूप से अफीम की खेती करना पाया गया और आरोपी के खिलाफ धारा 8/18 एन.डी.पी.एस. एक्ट तहत मुकदमा दर्ज किया गया. खेत मालिक पारस गुर्जर की तलाश आसपास के खेतों और कुओं पर की गई लेकिन वह नहीं मिला. उसके बाद पुलिस ने मौके पर अफीम की फसल के पौधे एक जगह पर एकत्रित करवाने शुरू किए. अफीम का वजन किया गया तो पौधों का कुल वजन 868 किलोग्राम हुआ, जिसे जब्त कर लिया गया.
अफीम की खेती के लिए पट्टा अनिवार्य
बता दें कि अफीम की खेती करने के लिए पट्टा जरूरी होता है. वर्षों पहले जिन किसानों को पट्टा जारी किया गया है केवल वही अफीम की खेती करते आ रहे हैं. यहीं नहीं अफीम की जब कटाई होती है तब भी सरकारी अधिकारियों की निगरानी में होती है. नारकोटिक्स विभाग भी इस पर मुख्य रूप से नजर बनाए रखता है और कार्रवाई भी करता है.