ऑनलाइन ठगों ने ठगी का नया पैंतरा शुरू किया है जिसमें बिजली बिल का बकाया एसएमएस भेजकर लोगों के खाते खाली कर रहे हैं. वैसे तो ऐसे केस कई जगह से सुनने को मिल रहे हैं लेकिन राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) की बात करें तो यहां 10-15 दिनों के भीतर करीब 7 लाख रुपए ठगी के केस साइबर एक्सपर्ट के पास आ चुके हैं. बड़ी बात यह है कि इनमें 3 केस में करीब 3.50 लाख रुपए साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल ने रिकवर कर लिए हैं जिससे ठगी के शिकार हुए लोगों को राहत मिली है.
पुलिस जारी कर चुकी एडवाइजरी
साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि, यह साइबर क्राइम का एक नया चलन सामने आया है जिसमें साइबर अपराधी बिजली बिल का भुगतान न करने के नाम पर लोगों को ठगने में लगे हैं. पुलिस ने भी एक एडवाइजरी के माध्यम से नागरिकों को सतर्क करते हुए अनुरोध किया है कि वे बकाया बिजली बिलों के संबंध में एसएसएस द्वारा उन्हें कनेक्शन काटने संबंधी भेजे जा रहे फर्जी संदेशों पर कोई जानकारी साझा न करें.
ऐसे करते हैं ठगी
साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि, ऐसे जालसाज पहले लक्षित फोन नंबरों पर टेक्स्ट मैसेज भेजते हैं, जिसमें कहा जाता है कि आपकी बिजली काट दी जाएगी क्योंकि आपके पिछले महीने का बिल अपडेट नहीं हुआ है और दिए गए नंबर से संपर्क करने के लिए कहा जाता है. एक बार पीड़ित द्वारा दिए गए नंबर पर संपर्क करने के बाद, जालसाज पीड़ित को पिछले भुगतानों को सत्यापित करने के उद्देश्य से बैंक खाते की डिटेल साझा करने के लिए मनाने की कोशिश करते हैं.
साथ ही एनीडेस्क, टीम व्यूअर जैसे रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए भी कहा जाता है. जैसे ही पीड़ित व्यक्ति दिए गए निर्देशों का पालन करके जानकारी साझा करता है, तो साबइर ठगी करने के लिए पीड़ित का बैंक खाता जालसाज के नियंत्रण में आ जाता है. इसलिए लोग जब तक संगठन को अच्छी तरह से नहीं जानते तबतक अपनी व्यक्तिगत जानकारी या फोन नंबर साझा न करें.
कैसे बरतें सावधानी
-बिजली बकाए से संबंधित ऐसे मैसेज पर पूर्ण सावधानी बरतनी होगी.
-बिजली के बिल संबंधित कोई भी जानकारी उनके अधिकृत साइट पर जाकर लें.
-किसी अजबनी के फोन करने पर एप डाउनलोड नहीं करें.
-खुद को कोई बिजली विभाग का अधिकारी बताए तब भी बैंक खाते के बारे में न बताएं.
-संदेह होने पर तत्काल जानकारी संबंधित थाने की पुलिस को दें.
- अगर ठगी हो गई है तो ऐसी किसी भी घटना की सूचना cybercrime.gov.in पोर्टल या नजदीकी पुलिस स्टेशन पर दें.