Rajasthan University Exam: शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा के बाद कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले ने सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसलिए अब यूनिवर्सिटी स्तर पर भी हो रही परीक्षा में कड़े नियमों का पालन किया जा रहा है. इसी तरह राजस्थान (Rajasthan) की एक यूनिवर्सिटी ने भी कड़े नियम लागू किये हैं. जहां भी नकल का मामला सामने आया तो उस परीक्षा केंद्र को तीन साल के लिए बैन कर दिया जाएगा. यहीं नहीं सुरक्षा के मद्देनजर परीक्षा के हर केंद्र की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जाएगी. यह फैसला उदयपुर (Udaipur) संभाग के डूंगरपुर स्थित गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय का है.
परीक्षाएं हुई शुरू
यूनिवर्सिटी की 2021-22 की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं. परीक्षा के पहले चरण में यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त तीन जिलों के 51 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. इसमें सेकेंड ईयर में 24,312 और थर्ड ईयर में 26,747 परीक्षार्थी हैं. गत वर्ष सामूहिक नकल का मामला सामने आने के बाद जीजीटीयू ने एक कॉलेज को परीक्षा केंद्र की सूची से बाहर भी किया है.
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दूसरे कॉलेज में होंगी परीक्षाएं
यूनिवर्सिटी ने निर्णय लिया है कि परीक्षा केन्द्र स्टूडेंट के मूल कॉलेज से अलग दूसरे कॉलेज में देने की व्यवस्था की गई है. साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन ने चेताया है कि किसी भी केंद्र पर नकल या परीक्षा व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित कॉलेज को परीक्षा व्यवस्था से तीन साल के लिए बैन कर दिया जाएगा.
स्पेशल फ्लाइंग गठित
परीक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी और नकल को रोकने के लिए विवि द्वारा तीन स्तर पर जांच की व्यवस्था की गई है. इसके लिए परीक्षा केन्द्र पर इंटरनल फ्लाइंग होगी, जो स्टूडेंट और एडमिट कार्ड की जांच करेगी. इसके अलावा तीनों ही जिलों में एक-एक फ्लाइंग दल गठित किया है, जो लगातार एक से दूसरे कॉलेज तक आकस्मिक जांच के लिए पहुंचेगा. वहीं विवि अधिकारियों की एक विशेष फ्लाइंग भी बनाई गई है जो तीनों जिलों के परीक्षा केन्द्रों पर जांच के लिए कभी भी पहुंच सकेगी.
कुलपति ने क्या कहा
विवि कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी ने बताया कि, परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं. केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनके आईपी लिंक विवि के पास उपलब्ध हैं. तकनीकी मदद से किसी भी केन्द्र पर परीक्षा से संबंधित गतिविधि को विवि परिसर में बैठकर मॉनिटरिंग की जा सकती है. इस दौरान कमी पाई जाने पर परीक्षा केन्द्राध्यक्ष को आवश्यक निर्देश भी दिए जाएंगे. नकल के मामले में सीधे कार्रवाई होगी और तीन साल के लिए बैन करेंगे.