Udaipur News: शिक्षा विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) पर मंगलवार को उदयपुर में जिला स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इसमें 117 बच्चियों को सम्मानित किया गया. इसमें कुछ ऐसी बच्चियां हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा चुकी हैं. किसी ने 14 साल की उम्र में खुद का बाल विवाह रुकवाया, कुछ कांस्टेबल और बैंक अधिकारी बनीं तो कोई मिस इंडिया तक पहुंची. ऐसी बच्चियां और युवतियां समाज के लिए रोल मॉडल बन गई हैं.


शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश आमेटा ने बताया कि इस कार्यक्रम में उदयपुर जिले के सभी 17 ब्लॉक के राजकीय विद्यालयों में ब्लॉक अनुसार 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा वर्ष 2021 में संकाय वार ज्यादा अंक प्राप्त करने वाली 96 और सह शैक्षणिक गतिविधियों में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने वाली 21 छात्राओं सहित कुल 117 छात्राओं को सम्मानित किया गया. 




इसके साथ ही जिले के विभिन्न कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 8 पूर्व छात्राओं को रोल मॉडल के रूप में और बालिका शिक्षा क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों में ब्लॉक स्तर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले 16 कार्मिकों को भी सम्मानित किया गया.  एडीपीसी वीरेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि कार्यक्रम में समग्र शिक्षा की विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धि पर डॉक्यूमेंट्री ,केस स्टडीज व सक्सेस स्टोरीज का स्क्रीन पर प्रसारण भी किया जाएगा.


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हेमलता ने बाल विवाह रुकवाया
उदयपुर के कुराबड़ ग्राम पंचायत की रहने वाली 16 साल की हेमलता ने लोगों को दिखा दिया कि उम्र भले ही कम हो लेकिन गलत के खिलाफ समाज तो क्या परिवार के खिलाफ भी खड़ा होना चाहिए. हेमलता ने बताया कि जब वह 14 साल की थी तब माता-पिता शादी करवा रहे थे. शादी के लिए कार्यक्रम भी शुरू हो गए थे. शादी की बेड़ियों में बंधना नहीं था मुझे पढ़ाई कर ऊंचे मुकाम पर जाना था इसलिए बाल आयोग को फोन किया. मुझे पता था कि यह कदम माता-पिता के खिलाफ है लेकिन खुद के भविष्य के लिए यह कदम उठाया. बाल आयोग की टीम आई और शादी रुकवाई. अब मैं पढ़ाई कर रही हूं और माता-पिता भी साथ दे रहे हैं.




पूजा ने जीता मिस इंडिया का खिताब
उदयपुर की ही रहने वाली पूजा मीणा वर्ष 2019 में मिस इंडिया बनी थीं. इसके बाद भी 131 देशों के बीच हुई महिलाओं की प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दूसरे स्थान पर रहीं. पूजा ने बताया कि शुरुआत में घरवालों ने भी सपोर्ट नहीं किया था लेकिन सिर्फ पिता थे जिन्होंने साथ दिया और आज इस मुकाम पर हूं. उन्होंने कहा कि यही कहना चाहती हूं कि माता-पिता अपनी बच्चियों के हुनर को पहचानें और आगे आने में उनकी मदद करें.


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