विदेशी मेहमानों की एंट्री से गुलजार हुआ उदयपुर, लगा रहे झीलों की खूबसूरती में चार चांद
Udaipur News: उदयपुर में हाल ही में बर्डवाचिंग के दौरान कई प्रवासी परिंदों के जलाशयों में पहुंचने की पुष्टि हुई है. प्रवासी पक्षियों के आने से शहर की खूबसूरती बढ़ गई है.
Rajasthan News: सर्दी के मौसम ने दस्तक दे दी है. रात का पारा 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया है. अब मौसम का मिजाज बदला है तो विदेशी मेहमानों की एंट्री भी शुरू हो गई है. राजस्थान में झीलों की नगरी उदयपुर (Udaipur) की खूबसूरत झीलों में सैकड़ों किलोमीटर दूर से उड़कर विदेशी मेहमान आ गए हैं. ये झीलों की खूबसूरती को बढ़ा रहे हैं. यह मेहमान हैं विदेशी पक्षी जो उदयपुर में हर साल हजारों की संख्या में आते हैं और सर्दियों तक यहीं रहते हैं. उदयपुर में हाल ही में बर्डवाचिंग के दौरान कई प्रवासी परिंदों के जलाशयों में पहुंचने की पुष्टि हुई है.
अब तक इन प्रजातियों के पक्षी पहुंचे
पक्षीविद विनय दवे ने बताया कि, बर्ड वॉचिंग के दौरान उदयपुर से कुछ दूर मेनार में लगभग एक दर्जन प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति दर्ज की गई. मेनार जलाशय में प्रवासी पक्षी नदर्न शॉवलर, यूरेशियन विजन, कॉमन पोचार्ड, कॉमन टील, ट्फ्टेड पोचार्ड, मार्श हेरियर, फेरो जीनियस पोचार्ड, सिट्रीन वेगटैल, ग्रे वेगटैल सहित अन्य प्रवासी पक्षियों को जलक्रीड़ा करते देखा गया. इसी प्रकार आवासीय पक्षी ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब, लिटिलग्रीब, कॉम्ब डक, स्पॉट बिल डक, कॉमन कूट, कॉटन पिग्मी गुज, विसलिंग टील स्पू्नबिल, लिटिल कोरमोरेंट, डार्टर, व्हाइट व ब्लैक आइबिस, पर्पल व ग्रे हेरॉन, पाइड किंगफिशर, कॉमन किंगफिशर व्हाइट ब्रेस्टेड किंगफिशर सहित कई वॉटर बर्ड्स की साइटिंग की गई.
एक कस्बा ही हुआ बर्ड विलेज घोषित
उदयपुर में प्रवासी पक्षियों की कहानी कोई साधारण नहीं है, क्योंकि इन्हीं की वजह से उदयपुर का एक गांव आज बर्ड विलेज के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां के तालाब पर सबसे ज्यादा संख्या में विदेशी प्रजाति के पक्षी आते हैं. इस गांव की बड़ी खासियत भी है. इन विदेशी मेहमानों को शुद्ध और अच्छा वातावरण मिले इसके लिए गांव के लोगों ने भी प्रण ले रखा है. यहां के तालाब का पानी कांच जैसा है क्योंकि यहां कोई गंदगी नहीं करता है. यहां के लिए भी नियम बने हुए हैं.