Udaipur News: राजस्थान के सबसे बड़े जंगल में पहली बार दिखी अनोखी गिलहरी, विशेषज्ञों ने बताई ये बात, तस्वीरें आईं सामने
इसे देखने पर गिलहरी जैसा कोई अन्य जीव लग रहा था लेकिन लगातार चार दिनों तक इसके व्यवहार को देखने पर मालूम हुआ कि यह सामान्य गिलहरियां ही हैं, सिर्फ रंग काला है.
![Udaipur News: राजस्थान के सबसे बड़े जंगल में पहली बार दिखी अनोखी गिलहरी, विशेषज्ञों ने बताई ये बात, तस्वीरें आईं सामने Udaipur Rajasthan rare black colored squirrel appeared for first time in largest forest pictures surfaced ANN Udaipur News: राजस्थान के सबसे बड़े जंगल में पहली बार दिखी अनोखी गिलहरी, विशेषज्ञों ने बताई ये बात, तस्वीरें आईं सामने](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/30/2666f175de548b4479926a5fadc2e3941661846574808122_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) स्थित सबसे बड़ा जंगल एरिया जैव विविधताओं से भरा हुआ है. यहां कुछ समय पहले ही भारत में पहली बार और विश्व में तीसरी बार ल्यूसिस्टिक कॉमन किंगफिशर पक्षी की साईटिंग हुई थी और अब एक अनोखी गिलहरी को पहली बार देखा गया है. उदयपुर संभाग के सागवाड़ा शहर के समीप यह गिलहरी दिखाई दी है. राजस्थान में इस तरह की गिलहरी को खोजने, क्लिक करने और पुष्टि करने का श्रेय वागड़ नेचर क्लब सदस्य तितली विशेषज्ञ सागवाड़ा निवासी मुकेश पंवार को जाता है. पंवार ने बताया कि दुर्लभ मेलाविस्टिक फॉर्म में गिलहरियां तो दिखाई देती हैं परन्तु सामान्य गिलहरियों के बीच यह एक विशिष्ट गिलहरी दिखाई दी है.
ऐसी दिखाई देती है यह गिलहरी
मुकेश ने बताया कि यह गिलहरी पूर्णतया काले रंग की है और इसके शरीर के बाल, आंखे, पूंछ के बाल सभी कुछ एक जैसे काले रंग में हैं. दो अलग-अलग स्थानों पर दो काली गिलहरियां दिखाई दी हैं. प्रथम दृष्टया तो इसे देखने पर गिलहरी जैसा कोई अन्य जीव लग रहा था परन्तु लगातार चार दिनों तक इसके व्यवहार को देखने पर मालूम हुआ कि यह सामान्य गिलहरियां ही हैं, सिर्फ रंग काला है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इस एक मादा गिलहरी के साथ दो बच्चे अन्य सामान्य गिहलरियों जैसे ही हैं. ये पूर्ण वयस्क और स्वस्थ है.
Rajasthan Kusum Yojana: किसानों के वरदान है राजस्थान सरकार की ये योजना, जानिए कैसे करें आवेदन
अनुवांशिक होता है स्किन कलर
सर्प विशेषज्ञ धर्मेन्द्र व्यास ने बताया कि, सामान्यतया समस्त जीवों की त्वचा का रंग आनुवांशिक रूप से निर्धारित रहता है लेकिन लाखों में एक जीव मेलानिस्टिक (डार्क) फोर्म (गहरे या काले रंग) में हो सकता है. यह कोई रोग या आनुवांशिक नहीं भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि उड़ीसा के जंगल में ब्लैक टाईगर और कर्नाटक, महाराष्ट्र आदि में ब्लैक पैंथर दिख चुके हैं. ठीक उसी तरह ये काली गिलहरियां भी सागवाड़ा क्षेत्र में दिखी हैं.
राजस्थान का है पहला मामला
पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि, राजस्थान में काली गिलहरी की साईटिंग का कोई आधिकारिक रिकार्ड उपलब्ध नहीं है. संभवतः राजस्थान का यह पहला मामला है. उन्होंने कहा कि समृद्ध जैव विविधता के कारण वागड़-मेवाड़ अंचल दुर्लभ प्रजातियों के जीवों के लिए भी मुफिद दिखाई दे रहा है, ऐसे में काली गिलहरियों की साईटिंग के बाद एक बार पुनः हमें इस जैव विविधता को सहेजने की तरफ ध्यान देना होगा.
Bharatpur News: बुआ के लड़के ने की थी बंटी की हत्या, पुलिस ने 14 महीने बाद किया खुलासा
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)