Udaipur News: उदयपुर (Udaipur) संभाग के राजसमंद (Rajsamand) जिले के नाथद्वारा स्थित ग्राम शिशोदा में शिशोदा भेरुजी क्षेत्रपाल के मंदिर में चढ़ावे के 123 करोड़ रुपए गबन का मामला सामने आया है. यह मंदिर करीबन 700 वर्ष पुराना है, जहां हजारों-लाखों की संख्या में भक्त आते हैं और चढ़ावा चढ़ाते हैं. इतनी बड़ी रकम के गबन का आरोप मंदिर के पुजारी और मुनीम सहित चार लोगों पर लगाया गया है. मामले में कोर्ट में इस्तगासा पेश किया गया, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार उच्च स्तरीय एजेंसी से इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं. 


मामले में राजसमन्द जिले के खमनौर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट का रुख किया गया. कोर्ट में भगवानसिंह ने परिवाद पेश किया, जिसमें पुजारी विजयसिंह, मुनीम रूप सिंह, अम्बालाल और गणेश लाल पर आरोप लगाए गए हैं.


पेश परिवाद में बताया गया कि राजसमंद जिले के नाथद्वारा तहसील के ग्राम शिशोदा में शिशोदा भैरूजी क्षेत्रपाल बावजी का विश्व प्रसिद्ध विशाल मंदिर है. यहां आम जनता अपने अटूट विश्वास के चलते आती है. भक्त यहां भगवान भेरूजी की पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही भेंट,चढ़ावा और प्रसाद इत्यादि चढ़ाते हैं.


मंदिर 700 साल पुराना


हर रविवार को मंदिर में मेला लगता है, जिसमें आठ से दस हजार भक्त और श्रद्धालु आते हैं. हर वर्ष यहां चार बड़े जागरण होते हैं, जिसमें करिबन पचास हजार भक्त और श्रद्धालु आते हैं. यह सिलसिला विगत 30 वर्षों से चलता आ रहा है.


यह मंदिर 700 साल पुराना है. मंदिर को विगत कई वर्षों से आरोपियों ने अपने नियंत्रण में ले रखा है. परिवाद में आरोप लगाए कि कई वर्षो से मंदिर और देवता की सम्पति में भारी वित्तीय गबन किया गया है. यही नहीं चढ़ावे की राशि भी हड़प ली गई है. परिवाद में कहा गया कि देवस्थान विभाग और सरकार द्वारा जब से इस मंदिर की व्यवस्था संभाली गई, तब से मंदिर की मासिक आय करीब 30 लाख से अधिक हो रही है. 


मजिस्ट्रेट ने दिए ये आदेश


यानी प्रतिदिन एक लाख रुपये से अधिक की आय हो रही है, लेकिन भोपा विजयसिंह ने साल 2001 से 2021 तक एक भी रुपये का हिसाब नहीं दिया और 123 करोड़ रुपए का गबन किया है. मामले को सुनने के बाद राजसमन्द अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया कि गबन राशि और परिवाद में लगाए गए  आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच राज्य सरकार की उच्च स्तरीय एजेंसी से कराई जाए.  


साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि आदेश की कॉपी स्पीड पोस्ट और ईमेल के मार्फत पुलिस महानिदेशक जयपुर, राजस्थान अतिरिक्त महानिदेशक (अपराध) जयपुर, राजस्थान और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विजिलेंस), पुलिस मुख्यालय जयपुर, राजस्थान और पुलिस उपमहानिरीक्षक रेंज उदयपुर जिले को प्रेषित की जाए. 


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