Udaipur News: रक्तदान महादान है. एक यूनिट ब्लड (Blood) किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है. ऐसे कई उदाहरण हुए भी हैं कि एक यूनिट ब्लड से मरीज की जान भी बची है और नहीं मिलने पर जान गई भी है. इसलिए कई जगह ब्लड डोनेशन (Blood Donation) कैम्प भी लगाए जाते हैं. लेकिन, ब्लड डोनेट करने में कई भ्रांतियां भी बनी हुई हैं. इस कारण लोग ब्लड देने ने डरते हैं. लेकिन, उदयपुर (Udaipur) में ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने 58 साल की उम्र तक 100 बार ब्लड डोनेट कर दिया है. ये हैं रविन्द्र पाल सिंह कप्पू (Ravindra Pal Singh Kappu) जो राज्य सरकार से मनोनीत उदयपुर के पार्षद भी हैं. जानते हैं उन्होंने कैसे अब तक 100 बार रक्तदान किया है.


पहली बार मौसी को दिया रक्त 
रविन्द्र पाल सिंह कप्पू ने बताया कि अभी 57 साल का हो गया हूं. मैंने पहली बार ब्लड डोनेट 18 साल की उम्र में किया था. मैं उस समय कॉलेज में बैठा था. अचानक नानाजी आए और उन्होंने कहा जल्दी हॉस्पिटल चल. मैं हॉस्पिटल गया तो मौसी भर्ती थीं. उन्हें फ्रेश ब्लड चाहिए था. मैंने उस समय पहली बार ब्लड डोनेट किया. इससे मौसी की जान बच गई, जो अब तक कहती हैं कि तेरे कारण जिंदा हूं. इसके बाद से सोंच लिया कि ब्लड डोनेट करना है. 40 साल हो गए, उसमें से अब तक 100 बार ब्लड डोनेट कर चुका हूं. 


हर तीन महीने बाद करते हैं रक्तदान
रविन्द्र पाल सिंह कप्पू ने बताया कि एक बार ब्लड डोनेट करने के अगले तीन माह बाद फिर से कर देते हैं. मैं हर तीन माह में ब्लड डोनेट करता हूं. यहीं नहीं, मौत के बाद देहदान की घोषणा की हुई है. 


50 हजार लोगों को दिलवा चुके ब्लड
लोगों के मन मे भ्रांतियां है कि ब्लड देने के बाद तबियत खराब होती है, खून की कमी आ जाती है, कमजोरी आती है. मैं कहता हूं ऐसा कुछ नहीं है. ब्लड देने के बाद वहीं फ़ूड लेता हूं, जो सामान्य समय मे खाता हूं. मुझे अब तक कुछ नहीं हुआ, जबकि 100 बार ब्लड डोनेट कर चुका हूं. जब डॉक्टर आप को कह दे कि आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं तो करना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि कई लोग आते हैं, जिन्हें ब्लड की जरूरत होती है. विभिन्न संस्थाओं से बात कर उन्हें उपलब्ध करवाया जाता है. अब तक 50 हजार से ज्यादा लोगों ब्लड उपलब्ध करवा चुका हूं.


रविन्द्र पाल सिंह कप्पू का संक्षिप्त परिचय
1- अब तक खुद 100 बार रक्तदान कर चुके हैं
2- 50 हजार से ज्यादा लोगों को नि:शुल्क रक्त उपलब्ध करवा कर उनकी जान बचा चुके हैं.
3- रक्तदान-महादान नामक पुस्तक भी लिख चुके हैं. यह पुस्तक रक्तदान से होने वाले फायदे  बताती है. रक्तदान के प्रति भ्रांतियां भी दूर करती है, जो की हजारों की तादाद में लोगों को नि:शुल्क अभी भी बांटी जा रही है.
4- करोना काल में रक्तदान के करीब 7 शिविर लगवाये. अब तक 4सौ के करीब रक्तदान शिविर लगवा चुके हैं. 
5- हाल ही में 25 अक्टूबर 2022 को 97 बार रक्तदान करने पर राजस्थान जयपुर में राजस्थान के चिकित्सा मंत्री ने सम्मानित किया था.
6 - अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य स्तर और प्रदेश स्तर पर आज तक 202 संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं.


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