New Ropeway in Udaipur: झीलों की नगरी उदयपुर में लगातार नए आयाम स्थापित होते जा रहे हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक और शुरुआत होने जा रही है. यहां रोपवे ने बैठ कई ऊंचाई से फतहसागर की झील, पहाड़ और शहर की खूबसूरती को देख पाएंगे. यहीं नहीं जो शुरुआत होने जा रही है वह यहां दूसरी बार हो रही है. इससे उदयपुर प्रदेश का पहला शहर बन जाएंगे जहां पर दो जगह से पर्यटक यह रोमांच ले पाएंगे. यहीं नहीं यह व्यवस्था धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रसिद्ध मंदिरों तक पहुंच आसान हो जाएगी. जानिए क्या है यह आयाम.
उदयपुर में जिस व्यवस्था की हम बात कर रहे हैं वह हैं, फतहसागर के पास स्थिति निमाज माता मंदिर की पहाड़ी पर शुरू होने वाले रोपवे की. दिसंबर में इसकी शुरुआत हो जाएगी जिसका काम अंतिम चरण में चल रहा है. दूसरी इसलिए क्योंकि अभी भी उदयपुर में रोपवे है, जो की माछला मगरा पहाड़ी पर स्थिति प्राचीन और प्रसिद्ध करणी माता मंदिर तक जाता है. इस रोपवे से प्रसिद्ध पिछोला झील और पहाड़ों की खूबसूरती दिखाई देती है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक जाते हैं और मंदिर में माताजी के दर्शन के साथ खूबसूरती को कैद करते हैं. अब यह व्यवस्था निमाज माता मंदिर तक होगी जहां से फतहसागर झील और शहर की खूबसूरती दिखाई देती है.
रोपवे में लगाए गए 4 पिलर
निमाज माता मंदिर की बात की तो अभी यहां शहर के कई बुजुर्ग लोग नहीं जा पाते क्योंकि चढ़ाई कठिन है. यहां रोजाना बड़ी संख्या ने स्थानीय और पर्यटक जाते हैं लेकिन सबसे ज्यादा नवरात्रि के समय भीड़ होती है. रोपवे को रोड से पहाड़ी तक वो जाने के लिए 4 पिलर लगे गए हैं, जिसमें सबसे ऊंचा 20 मीटर का है. इसमें एक साथ 16 ट्रोलिया लगाई जाएगी. इसी माह इसका ट्रायल होगा और दिसंबर तक शुरू हो जाएगा. इसका दौरा आज ही जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और विधायक ताराचंद जैन ने किया है.