उदयपुर में बढ़ी राजपरिवार की लड़ाई, अब जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किया ये आदेश
Udaipur Royal Family: उदयपुर में दो राज परिवार के झगड़े से हिंसा हुई है. शहर के जगदीश चौक से 500 मीटर की परिधि में डीएम ने धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है.
Udaipur Royal Family Dispute: उदयपुर में दो राज परिवार के बीच की लड़ाई सड़क पर आ गई, जिसके चलते वहां हिंसा और पत्थरबाजी की स्थिति बन गई है. इसको लेकर अब जिला मजिस्ट्रेट अरविंद पोसवाल ने बड़ा आदेश जारी किया है. डीएम ने भारतीय दंड संहिता की धारा 163 के तहत उदयपुर शहर के जगदीश चौक से 500 मीटर की परिधि में आगामी आदेश तक निषेधाज्ञा जारी की है.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत एक जगह पर समूह में 5 या उससे अधिक लोगों के इकट्ठे होने, विभिन्न प्रकार के हथियारों का प्रदर्शन करने आदि पर प्रतिबंध रहेगा.
क्या है राजपरिवार में लड़ाई की वजह
गौरतलब है कि राजस्थान में उदयपुर राजपरिवार के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है. चित्तौड़ में महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ, लेकिन इसके बाद धूणी दर्शन को लेकर बड़ा विवाद हो गया. यह घटना तब घटी जब विश्वराज सिंह मेवाड़ अपने समर्थकों के साथ उदयपुर के सिटी पैलेस में धूणी दर्शन के लिए पहुंचे और उन्हें महल में प्रवेश करने नहीं दिया गया.
इसके बाद स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि देर रात तक महल के बाहर और अंदर के लोगों के बीच पत्थरबाजी हुई. पुलिस की भारी तैनाती के बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था. घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. उदयपुर के डीएम और सिटी एसपी भी वहां मौजूद रहे.
रात भर बना रहा तनाव
प्रशासन ने तुरंत उस स्थान पर एक रिसीवर नियुक्त कर दिया, जहां दर्शन को लेकर विवाद हुआ था. इसके अलावा, प्रशासन ने लोगों को समझाने की कोशिश की, ताकि स्थिति को शांत किया जा सके. हालांकि, रात भर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही.
विश्वराज सिंह का राजतिलक रहा अधूरा
मेवाड़ की परंपरा के अनुसार, राजतिलक तब तक अधूरा माना जाता है जब तक धूणी दर्शन और एकलिंगजी के दर्शन न कर लिए जाएं. फिलहाल, धूणी दर्शन को लेकर विवाद के कारण विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक अभी अधूरा ही माना जा रहा है. राजघराने की परंपराओं के अनुसार यह स्थिति बेहद गंभीर है.
संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद
दरअसल, मेवाड़ राजघराने के दो प्रमुख परिवारों के बीच संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह और महेंद्र सिंह दोनों भाई हैं और उनके बीच संपत्ति के अधिकारों को लेकर कई कानूनी विवाद चल रहे हैं. इन मामलों में एकलिंगजी मंदिर और सिटी पैलेस सहित कई संपत्तियां शामिल हैं, जहां अरविंद सिंह ट्रस्ट के सर्वेयर के रूप में कार्य कर रहे हैं. हाल ही में महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन हुआ, जिसके बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह का राजतिलक हुआ, लेकिन धूणी दर्शन को लेकर विवाद बना हुआ है.
यह भी पढ़ें: Udaipur Royal Family: 'हम किसी के गलत सोच का...', मेवाड़ राजतिलक विवाद पर लक्ष्यराज सिंह का पलटवार