Rajasthan News: देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. इसमें 2 चरण में मतदान हो चुके है. जहां मतदान संपन्न हुए हैं. वहां मतदान प्रतिशत को देखा जा रहा है कि कम हुआ या ज्यादा, लेकिन एक आंकड़ा और है जो आम आदमी से लेकर प्रशासन को इफेक्ट करता है. वो है अपराध का आंकड़ा. आपको चुनाव के दौरान का अपराध का आंकड़ा बताए तो चौकाने वाला है. यहां सामान्य दिनों की तुलना ने 50% से भी कम अपराध के मुकदमें दर्ज हुए है. खास बात तो यह है कि  मतदान के दिन 26 अप्रैल को तो सिर्फ 5 एफआईआर ही दर्ज हुई है. 


पुलिस की सख्ती से अपराध की संभावना होती हैं कम
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आचार संहिता लगने के बाद या चुनाव नजदीक आने पर पुलिस और प्रशासन सख्त हो जाता है. शहरों के एंट्री पॉइंट पर लगातार चेकिंग चलती है. जिससे बाहरी बदमाश या अपराधियों के आने की संभावना कम हो जाती है. हथियारों का भी लाना ले जाना कम हो जाता है. यहां तक कि पड़ोसी राज्यों की पुलिस भी आपस में बैठकें करती है और बदमाशों पर कड़ी निगरानी रखती है.


इसी वजह से अवैध तस्करी के भी कई मामले पकड़े जाते है. उदयपुर पुलिस ने भी चुनाव के दौरान साढ़े 33 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के अवैध समान जब्त किए है. साथ ही बड़ी संख्या ने अपराधियों की धरपकड़ कर उन्हे पाबंद भी किया. 


26 अप्रैल को सिर्फ 5 मुकदमें दर्ज हुए
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 16 मार्च को आचार संहिता लागू हुई थी. 16 मार्च से पहले पांच दिन में करीब सवा 100 मुकदमे दर्ज हुए थे. इसके बाद 5 दिनों में करीबन 90 तक आ गए. वहीं मतदान दिवस 26 अप्रैल के पहले 5 दिनों में 60 तक आ गए. मतदान दिवस पर तो 5 मुकदमे ही दर्ज हुए. एसपी योगेश गोयल का कहना है कि गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, आबकारी एक्ट जैसे एक्ट में लगातार कार्रवाई होती है, जिसमें अपराधियों की धरपकड़ भी होती है. ऐसे में इस प्रकार में अपराधों के मुकदमों में कमी आती है.


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