Rajasthan News: देश को हिला देने वाला कन्हैयालाल हत्याकांड 28 जून को हुआ था. जिसके बाद उदयपुर में धारा 144 लगाई गई थी. इस बात को डेढ़ माह ही हुआ हैं कि उदयपुर में फिर से धारा 144 लागू हो गई है. बड़ी बात यह है कि धारा 144 लोगों के एकत्रित होने की पाबंदी पर नहीं बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार की झंडियां (प्रतीक चिन्ह) लगाने पर लगी है. अगर ऐसा किसी ने किया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी. इसके लिए जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने आदेश जारी किया है.


क्या है धारा 144 लगाने के पीछे का कारण
एक समाज द्वारा चौराहे से तिरंगा झंडा हटाकर समाज के प्रतीक चिन्ह का झंडी लगाने की बात सामने आई थी. इस बात को लेकर चेतावनियां भी दी गई थी. इसके बाद पुलिस को यह सुचना मिली थी कि भीड़ जमा कर विरोध किया जा सकता है. ऐसा होने से पहले ही पुलिस अधीक्षक ने कलेक्टर से बातचीत की और धारा 144 लगा दी.


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जिला कलेक्टर द्वारा जारी किया गया आदेश
जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने आदेश जारी किया कि जिला पुलिस अधीक्षक उदयपुर द्वारा यह अवगत करवाया गया है कि उदयपुर जिले में कतिपय व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा उदयपुर जिले में आयोजित होने वाले धार्मिक, किसी समाज के या जाति विशेष के आयोजनों के दौरान प्रतीक चिन्ह, नारे इत्यादि युक्त झण्डियों, बैनर, पोस्टर आदि सार्वजनिक जगहों, सार्वजनिक सम्पति, राजकीय भवन राजकीय उपक्रम, बोर्ड, सार्वजनिक सामुदायिक भवन इत्यादि पर बिना सक्षम स्वीकृति के लगा दिया जाता है. बिना सक्षम स्वीकृति के लगे झण्डियां, बैनर पोस्टर का इस्तेमाल कर या इन्हें नुकसान पहुंचा कर साम्प्रदायिक या जातीय सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास कुछ लोगों द्वारा किया जाता है.


जिसमें लोक शांति भंग होने और कानून-व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव प्रतिकूल रूप से बाधित होने की आशंका उत्पन्न हो सकती है. बिना पूर्व अनुमति के सार्वजनिक स्थान पर किसी धर्म के प्रतीकात्मक चिन्ह नहीं लगे, ऐसी स्थिति में सामाजिक सद्भाव और लोक-शांति बनाये रखने हेतु तत्काल निरोधात्मक कार्यवाही किया जाना आवश्यक है. ऐसे में दिना सक्षम स्वीकृति, सहमति के धार्मिक प्रतीक चिन्ह युक्त इण्डिया लगाने पर प्रतिबंध हेतु निषेधाज्ञा लागू की जाती है. कोई भी ऐसा करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिसमें जेल भी जाना लड़ सकता है.


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