Udaipur: शुरू हो रहा शिल्पग्राम महोत्सव, देशभर के 1800 शिल्प और लोक कलाकार देंगे प्रस्तुति
Udaipur News: जो वस्तुएं बाजार में बड़ी मुश्किल से उपलब्ध होती हैं, वो उदयपुर के शिल्पग्राम मेले में आसानी से मिल जाती हैं. बड़ी बात यह है कि कोरोना काल के बाद अब यह मेला खुलकर आयोजित हो रहा है.
Udaipur News: झीलों की नगरी एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम को करवाने के लिए तैयार है. शहर में बुधवार से 10 दिन का शिल्पग्राम महोत्सव शुरू होने जा रहा है. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र इसकी शुरुआत करेंगे. 10 दिवसीय महोत्सव के दौरान 800 शिल्पकार और 1000 लोक आर्टिस्ट खुद की कलाकारी का मनमोहक प्रदर्शन करेंगे.
10 दिन के दौरान किस राज्य के आर्टिस्ट किस कला का करेंगे मंचन
शिल्पग्राम महोत्सव में दुकानें भी लगाई गई हैं, जो वस्तुएं बाजार में बड़ी मुश्किल से उपलब्ध होती हैं वहां पर आसानी से मिल जाती हैं. ऐसे सामान स्टॉल पर पूरी तरह से सजी हुई दिखाई देती हैं. शिल्पग्राम महोत्सव में शामिल होने वाले लोग खुद के पसंद की वस्तुएं खरीद भी सकते हैं. यह मेला 21 दिसंबर यानी आज शुरू होगा 30 दिसंबर को इसका समापन होगा.
इस बार सहभागियों की संख्या पर नहीं है पाबंदी
बड़ी बात यह है कि कोरोना काल के बाद अब यह मेला खुलकर आयोजित हो रहा है. पिछले साल मेला जरूर हुआ था लेकिन लिमिट में पर्यटकों को प्रवेश दिया गया था. साथ ही हर कार्यक्रम पैक दर्पण सभागार में हुए थे. सभागार में सीमित संख्या में लोगों को प्रवेश दिया गया था. इस बार कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है. सभी कार्यक्रम खुले मुक्तकाशी रंगमंच पर होंगे, जिसे मेले में घूमने आने वाला हर व्यक्ति आसानी से देख पाएगा.
शिल्पग्राम मेले में पहुंचे हैं इन राज्यों के कलाकार
शिल्पग्राम उत्सव में देशभर के कई राज्यों से कलाकार आये हैं जो अपनी संस्कृति और सभ्यता पर आधारित कलाओं का मंचन करेंगे. मुक्तकाशी रंगमंच पर शाम को 6 बजे से प्रस्तुति शुरू होगी. इसके अलावा, दिनभर पूरे मेले में तय स्थानों पर देशभर से आये कलाकार खुद की कला का मंचन करेंगे.
शिल्पग्राम मेले में राजस्थान, गुजरात, झारखंड, असम, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों के कलाकार आये हैं. इसमें पहले दिन यानी आज स्पेशल प्रस्तुतियां होगी जिसमें असम का ढाल थुंगड़ी, छत्तीसगढ़ का कर्मा नृत्य, गोवा का समई नृत्य, पश्चिम बंगाल का खोल वादन, पंजाब का भांगड़ा, गुजरात का डांग, महाराष्ट्र का लावणी व कोली, सिलवास का मास्क नृत्य, कश्मीर का रौफ, राजस्थान का घूमर, पश्चिम बंगाल का छऊ, उड़ीसा का गोटीपुवा, गुजरात का गरबा व राजस्थान का गैर नृत्य है.
हर रोज अलग-अलग थीम पर होंगे कार्यक्रम
शिल्पग्राम महोत्सव के दौरान हर रोज अलग-अलग थीम पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. 21 को संगम, 22 को एक भारत श्रेष्ठ भारत, 23 महाराष्ट्र डे, 24 को गुजरात डे, 25 को राजस्थान डे, 26 को गोवा डे, 27 को नृत्यम, 28 को स्वरांजलि, 29 को लोकधारा और 30 को झनकार थीम पर कार्यक्रम होगा.
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