Rajasthan Udaipur MRI Machine: उदयपुर (Udaipur) के रविन्द्र नाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज (Ravindra Nath Tagore Medical College) के महाराणा भूपाल चिकित्सालय (Maharana Bhupal Hospital) को हाईटेक थ्री टेस्ला मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Three Tesla Magnetic Resonance Imaging) (एमआरआई) मशीन मिली है, जिसकी लागत 15.25 करोड़ रुपए है. अभी इस मशीन का इंस्टॉलेशन चल रहा है, फिर स्टाफ का प्रशिक्षण होगा. बड़ी बात ये है कि इस तकनीक की मशीन प्रदेश में सिर्फ यहीं है. करीब एक माह के अंदर ये मशीन मरीजों में लिए शुरू हो जाएगी. आरएनटी प्रिंसिपल डॉ लाखन पोसवाल ने बताया कि एमबी अस्पताल आने वाले मरीजों को एमबी में ठेके की एमआरआई सुविधा होने की वजह से शिकायत रहती थी. इस समस्या के समाधान के लिए पिछले 3 साल से प्रदेश सरकार से थ्री टेस्ला मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग मशीन की मांग करते आ रहे थे. अब प्रदेश सरकार ने आरएनटी को डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से हाईटेक मशीन उपलब्ध कराई है.


मरीजों को मिलेगी सुविधा 
एमबी अस्पताल अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि इसके शुरू होने के बाद हर माह 1500 मरीजों को एमआरआई के लिए ठेके के तहत संचालित निजी जांच सेंटरों पर भटकना नहीं पड़ेगा. एमबी में एक ही छत के नीचे एमआरआई की 24 घंटे सुविधा मिलने लगेगी. वर्तमान में एमआरआई के लिए मरीजों को मेडिसेंटर जाना पड़ता है. इससे पहले कल्पना नर्सिंग होम जाना पड़ता था. अब इस समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा.


मशीन ऐसे करती है काम 
रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर कुशल गहलोत ने बताया कि एमआरआई का मतलब है मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन, जिसमें आमतौर पर 15 से 90 मिनट तक लगते हैं. ये इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन सा, कितना बड़ा हिस्सा स्कैन किया जाना है और कितनी तस्वीरें ली जानी हैं. ये रेडिएशन के बजाए मैग्नेटिक फील्ड पर काम करता है इसलिए एक्स-रे और सीटी स्कैन से अलग है. पूरे शरीर में जहां-जहां हाइड्रोजन होता है, उसके स्पिन यानी घूमने से एक इमेज बनती है. शरीर में 70 फीसदी पानी होता है इसलिए हाइड्रोजन स्पिन के जरिए बने इमेज से शरीर की काफी दिक्कतों का पता लगाया जा सकता है. दिमाग, घुटने, रीढ़ की हड्डी जैसे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जहां कहीं भी सॉफ्ट टिशू होते हैं उनका अगर एमआरआई स्कैन होता है तो हाइड्रोजन स्पिन से इमेज बनने के बाद ये पता लगाया जाता है कि शरीर के उन हिस्सों में कोई दिक्कत है या नहीं. 


इन बातों का रखना पड़ता है खास ध्यान 
कुशल गहलोत ने ये भी बताया कि एमआरआई मशीन 1 टेस्ला, 1.5 टेस्ला और 3 टेस्ला होती हैं. थ्री टेस्ला यूनिट की मशीन लोहे की अलमारी को भी खींच सकती है. मशीन जितनी ज्यादा टेस्ला की होती है, मैगनेटिक फील्ड उतना ही ज्यादा रहता है. इसीलिए सेंटर के बाहर लिखा रहता है कि दिल में पेस मेकर लगा हो, या शरीर में कहीं भी न्यूरो स्टिमुलेटर लगा हो तो स्कैन ना कराएं. घड़ी, ज्वेलरी, पियर्सिंग, नकली दांत जिनमें धातु का इस्तेमाल होता है, सुनने की मशीन, विग आदि जिनमें धातु के टुकड़े होते हैं पहन कर एमआरआई मशीन से जांच नहीं कराएं.


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