Water Harvesting Project: राजस्थान में जंगल का विस्तार करने और भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से कई प्रयास किये जा रहे हैं. इसमें वन विभाग की तरफ से नई शुरुआत की गई है, जिसमें प्रदेशभर में 350 करोड़ लीटर बारिश के पानी की सेविंग होगी. इससे नए लगाए पौधों को पानी की उपलब्धता होगी, जमीन में नमी रहेगी और जल स्तर भी बढ़ेगा. विभाग की तरफ से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है. क्योंकि वह विभाग की तरफ से हर साल बारिश आने से पहले लक्ष्य के अनुसार पौधारोपण किया जाता है. उदयपुर की बात करें तो इस बार 50 हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में प्लांटेशन का लक्ष्य रखा गया है.
 
जहां प्लांटेशन उसके पास ट्रेंच (नालियां)
डीएफओ मुकेश सैनी ने बताया कि जहां भी वन विभाग की तरफ से प्लांटेशन की जगह निर्धारित की गई है, उसके पास में ट्रेंच खोदी गई है. 50 हैक्टेयर की साइट पर एक ट्रेंच खोदी गई है. इससे बारिश में 4 बार पानी का स्टोरेज होगा. हर ट्रेंच में करीब 1.62 करोड़ लीटर पानी सेव होगा. राजस्थान में 10675 हैक्टेयर क्षेत्र में 213 जगह ट्रेंच की साइट बनाई हैं, जिसमें करीब 350 करोड़ लीटर पानी की सेविंग होगी. बारिश का पानी सीधा या पहाड़ों से रिसता हुआ इन ट्रेंच में आएगा. बारिश के समय तक तो यह भारी रहेगी और फिर अन्य मौसम में इन्हीं जगहों पर नमी बनी रहेगी जिससे पौधों को फायदा होगा.


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सबसे ज्यादा उदयपुर में
राजस्थान में वन विभाग की अजमेर, भरतपुर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा और सवाईमाधोपुर रेंज हैं जहां पर ट्रेंच खोदी गई हैं. इसके अलावा सरिस्का में भी ट्रेच खोदी गई है. इन सब में सबसे ज्यादा उदयपुर में 3075 हैक्टेयर में ट्रेंच खोदी हैं जहां 99 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी की बचत होगी.


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