Udaipur News: उदयपुर शहर के देवाली स्थित स्वयंसेवी साधना संस्थान में सिलाई का काम कर महिलाएं आर्थिक रूप से संबल हो रही हैं. दरअसल ससुराल से बेघर, पति द्वारा तलाक दी गई, विधवा हुई या खुद के पैरों पर खड़ी होने की ठान चुकी, ऐसी 650 महिलाओं को देवाली स्थित स्वयंसेवी संस्थान में महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है. महिलाएं यहां सिलाई कर 5-7 हजार रुपए प्रतिमाह कमा रही हैं, जिससे वे घर खर्च के साथ अपने बच्चों को भी पढ़ा रही हैं.
साधना संस्थान ने देवाली स्थित भवन में प्रोडक्शन हाउस खोल रखा है, जहां पर महिलाएं आती हैं और उन्हें कपड़े दिए जाते हैं. इन कपड़ों को बनाकर वह अपने घर चली जाती हैं. जितने पीस बनाए उसके अनुसार उन्हें पैसा दिया जाता है.
फैब इंडिया है सबसे बड़ा खरीदार
प्रोडक्शन इंचार्ज शुभांगी सिंह राठौड़ ने बताया कि तहसील स्तर पर कुछ वॉलेंटियर हैं जो साधना संस्थान के बारे में लोगों को बताते हैं और बेसहारा महिलाओं को रोजगार देने की बात करते हैं. महिलाएं जुड़ती हैं तो पहले उनका तीन माह का प्रशिक्षण कराया जाता है जिसमें सिलाई और हाथ की कढ़ाई के बारे में सिखाते हैं. इसके बाद उन्हें काम दिया जाता है. संस्थान के पास कई तरह से ऑर्डर आते हैं, जिसमें फैब इंडिया सबसे बड़ा खरीदार है. ऑर्डर आते हैं और उन्हें महिलाएं पूरा कर देती हैं. खासकर महिलाओं के लिए पहनने के कपड़े के साथ ही अन्य प्रकार के गारमेंट्स यहां पर बनते हैं.
देश ही नहीं विदेश में भी होती है सप्लाई
संस्थान में काम करने वाली सबसे वरिष्ठ महिला पुष्पा टांक ने बताया कि वो कई वर्षों से साधना से जुड़ी हुई हैं. ससुराल से कुछ समस्या होने पर ससुरालियों ने पुष्पा को निकाल दिया था. उन्होंने बताया कि उनके मन में आया कि कब तक पिता पर बोझ बनकर रहेंगाी, इसी बीच उन्हें साधना के बारे में पता चला. पुष्पा ले कहा कि वे यहां पर पहले काम करती थीं और अब महिलाओं को काम देने के साथ काम लेने का काम कर रही हूं. इससे उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाया और फिलहाल बेटी एमए कर रही है.
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