Action on Corruption: राजस्थान की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 16 जनवरी को दो करोड़ की रिश्वत मांगने के आरोप में अजमेर एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को गिरफ्तार किया था.वो विभिन्न पदों पर  उदयपुर में लंबे समय तक तैनात रही थीं.इस दौरान उन्होंने यहां नेचर हिल नाम का आलीशान रिसोर्ट बनवाया था.इस पर यूआईटी ने शुक्रवार को बुलडोजर चलाया.इस जमीन पर फार्म हाउस की अनुमति लेकर रिसोर्ट खड़ा कर दिया गया था.चौंकाने वाली बात यह है कि रिसोर्ट के कुल एरिया में 60 फीसदी तक अवैध निर्माण किया गया था. इस पर कार्रवाई करते हुए यूआईटी ने शुक्रवार को अ अवैध निर्माण वाले हिस्से को गिरा दिया.


पक्ष रखने पर आरोप-प्रत्यारोप


यूआईटी की कार्रवाई के दौरान दिव्या मित्तल के परिजन भी वहां मौजूद थे.उन्होंने मीडिया को बताया कि यूआईटी की तरफ से पक्ष रखने का कोई समय उन्हें नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि जब वो यहां पहुंचे तब भी कोई सहयोग नहीं मिला. वहीं यूआईटी सचिव नितेंद्र पाल सिंह ने कहा कि मालिकाना हक रखने वाले पक्ष को पूरा समय दिया गया था. उन्होंने बताया कि एक नोटिस 23 फरवरी को रिसोर्ट के मुख्य द्वार पर चिपकाया गया था. दूसरा नोटिस एक मार्च को चिपकाया गया था. इसके बाद भी मालिकान की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर यूआईटी ने एकतरफा कार्रवाई कर अवैध निर्माण को हटाया गया. 


फार्म हाउस की इजाजत लेकर बनाया रिसोर्ट


यूआईटी सचिव ने कहा कि यह दो फार्म हाउस के पट्टे थे.एक दिव्या मित्तल और दूसरा सुमित जाट का. ये दोनों रिश्वत कांड के आरोपी हैं.दिव्या मित्तल के पट्टे पर निर्माण की स्वीकृति जितने की थी, उससे ज्यादा का निर्माण किया हुआ था. वहीं सुमित जाट के पट्टे पर कोई निर्माण अनुमति नहीं थी फिर भी निर्माण किया गया था.उन्होंने बताया किपूरे एरिया में 60 फीसदी से ज्यादा निर्माण अवैध था. उसी पर कार्रवाई की गई है.उन्होंने बताया कि अवैध निर्माण के साथ-साथ निर्माण में भी अनियमितताएं बरती गईं थी. सुमित जाट के नाम से जो पट्टा जारी था, उसका तो यूआईटी से नक्शा भी पास नहीं हुआ था.इसके बाद भी उस पट्टे वाली जमीन पर निर्माण किया गया था. उन्होंने बताया कि अवैध निर्माण को तोड़ा गया है.


क्या-क्या था नेचर हिल रिसोर्ट में


नेचर हिल रिसोर्ट में सितारा होटलों जैसी सुविधाएं दी हुई थीं.इसमें एसी कमरे और हॉल, फूल लॉन्ड्री सर्विस, पार्किंग, फुल वाई-फाई, आउट डोर पुल, नाईट क्लब जैसी सुविधाएं थीं. इसमें एक कमरे का किराया तीन हजार रुपये तक था. रिसोर्ट में कुल 26 कमरे थे. इसमें से 10 को तोड़ दिया गया है.यहां करीब 5000 वर्ग फीट के फार्म हाउस की मंजूरी थी, लेकिन 10 हजार वर्गफीट पर निर्माण किया गया. 


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