Union Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में बजट पेश किया. इसके बाद बजट पर हर तरफ से प्रतिक्रिया आ रही है. इस बीच एबीपी न्यूज़ के बजट कॉन्कलेव 'जन धन मन 2022' कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और कृषि को लेकर इस बजट में कोई कदम नहीं उठाया गया है. सच‍िन पायलट ने कहा कि इस सरकार ने सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की पंचवर्षीय योजना को समाप्त कर दिया था और अब अगले 25 साल की बात कर रहे हैं, जो व्यावहारिक नहीं लगता है.


उन्होंने कहा कि बजट हर साल पेश होता है और यह सिर्फ लेखा-जोखा नहीं है. यह बजट उनकी इच्छा और नियति को दर्शाता है. सचिन पायलट ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 90 मिनट के भाषण में सिर्फ पौने तीन मिनट किसानों पर बात की, जबकि इस समय के 3 सबसे बड़े मुद्दे- महंगाई, बेरोजगारी और कृषि है. इन तीनों मुद्दों पर बजट में कोई सार्थक रोड मैप नहीं दिखा.


कथनी और करनी में अंतर दिख रहा है अंतर: सच‍िन पायलट


उन्होंने कहा कि सरकार पहले 2 करोड़ रोजगार देने की बात कह रही थी, जो अब 60 लाख पर पहुंच गई है. कथनी और करनी में अंतर साफ दिख रहा है. बजट को कितने नंबर देने के सावल पर उन्होंने कहा कि हम नहीं जनता नंबर देगी. साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार है और उनके पास अच्छा मौका था कि महंगाई को कम करने के लिए कोई कदम उठाते. वहीं इनकम टैक्स स्लैब मे भी कोई परिवर्तन नहीं होने पर उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो आर्थिक तंगी आई थी, उससे लोगों को और परेशानी हो रही है.


'5 करोड़ लोग आ गए गरीबी रेखा के नीचे'


सचिन पायलट ने कहा कि 5 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं और जो 100 सबसे अमीर लोग थे वे और अमीर हो गए हैं. उनकी संपत्ति खरबों रुपये बढ़ गई है. यही वजह है कि अमीर और गरीब के बीच खाई और बढ़ती जा रही है. उन्होने कहा कि सरकार ने एमएसपी कानून को बनाने की बात कही थी, उसे तो छोड़िए कृषि बजट में ही 20 हजार करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई. सचिन पायलट ने कहा कि इस सरकार ने बिना पूछे तीन कृषि कानूनों को बना दिया और फिर वापस भी ले लिया, लेकिन एमएसपी कानून को लेकर बोल रहे हैं कि हम सोचेंगे और चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि आखिर सरकार को एमएसपी कानून बनाने से किसने रोका है.


पायलट बोले- सरकार को करनी चाहिए थी आर्थिक मदद


इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के बजट में भी 20 हजार करोड़ रुपये की कमी की गई है. इसके साथ ही मनरेगा में भी 20 हजार करोड़ रुपये की कमी कर दी गई है. ऐसे में जो गरीब तबका है, जो मजदूरी या खेत करता है, उसके लिए सभी चीजें मंहगी हो गई है, लेकिन उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बिटकॉइन पर टैक्स लगाने नहीं लगाने से आम लोगों को फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अब लोग लॉकडाउन से बाहर आ रहे हैं. ऐसे में लोगों की सीधे आर्थिक मदद करने की जरूरत थी, क्योंकि महंगाई बढ़ रही है और इनकम घट रही है. सचिन पायलट ने कहा कि मध्यमवर्गीय के लिए भी बजट में कुछ नहीं किया गया है.


यही नहीं सचिन पायलट ने कहा कि इस बजट का चुनाव पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि लोगों को बजट से कोई राहत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि अगर हम सत्ता में होते तो गरीब, मजदूर, किसानों की मदद के लिए काम करते और कृषि उपकरणों पर जीएसटी नहीं लगाते. गृहणियों के खाते में पैसा डालते ताकि वे महंगाई से सामने कर सके.


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