Rajasthan Politics News: राजस्थान हाईकोर्ट ने 953 करोड़ के कथित घोटाले में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की याचिका को स्वीकार कर उन्हें फौरी राहत दी है. कोर्ट ने 30 मई  तक एसओजी और राजस्थान के कई पुलिस थानों में दर्ज मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसके बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तल्ख़ तेवर दिखते हुए. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर जोरदार हमला बोला है. 


केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, 'गहलोत जी सीएम हैं या साजिशकर्ता?. षड्यंत्रकारी अगर अपने अधिकार का दुरुपयोग कर बिना सबूत किसी निरपराध को दोषी साबित करना चाहे तो माननीय न्यायालय ही सच और झूठ का फैसला करता है. शेखावत ने कहा कि गहलोत जी मुझे मुजरिम साबित करने के षड्यंत्र में अपनी सारी जिम्मेदारियां त्याग कर व्यस्त हैं.' केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'मुझे तनिक भी संदेह नहीं कि न्यायिक प्रक्रिया से मेरा सच तो सामने आएगा ही गहलोत जी कहीं मुंह दिखाने के काबिल भी नहीं रहेंगे.'


शेखावत ने रावण से की अशोक गहलोत की तुलना
शेखावत ने पूछा कि गहलोत जी को इतना गुस्सा क्यों आता है? उन्हें अपने हर राजनीतिक विरोधी से नफरत है. जैसे रावण अहंकार में चूर होकर अपने विरोधियों, सहयोगियों, अपने भाई, जनता पर क्रोध करता था, गहलोत जी के भी वही लक्षण हैं. मुखिया का इतना गुस्सा राज्य की जनता के लिए हानिकारक है. शेखावत ने कहा कि एक व्यक्ति जिसे अपने क्रोध पर काबू नहीं वह राज्य की व्यवस्था को संतुलित ढंग से नहीं चला सकता. उन्हें क्रोध काबू करने के लिए योग, मेडिटेशन, विपश्यना आदि करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी उन्हें ब्रेक देने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि खुद से तो वे कुर्सी छोड़ेंगे नहीं. 


मेरे खिलाफ सारी सीमाएं लांघने को तैयार- शेखावत
शेखावत ने पूछा, 'गहलोत जी मेरे खिलाफ सारी सीमाएं लांघने को क्यों तैयार रहते हैं? लोकसभा चुनाव में मेरे खिलाफ प्रत्याशी उनके पुत्र थे, लेकिन लड़ाई गहलोत जी ने की. समूची सरकार मेरे पीछे लगा दी. आज तक गहलोत जी वही कर रहे हैं, मेरे खिलाफ सारे शासन-प्रशासन को लगा रखा है. वे अपने रचे हर बुरे खेल में हारते हैं और मैं जनता-जनार्दन के समर्थन से उनके सामने सच का सहारा लेकर खड़ा रहता हूं.'


ये भी पढ़ें-


Bharatpur: भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना का कार्यक्रम निरस्त, उपद्रव के बाद जिला प्रशासन का फैसला