केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- AAP ने नहीं निभाया वादा, हम यमुना का कायाकल्प करने के लिए कटिबद्ध
शेखावत ने कहा कि यमुना नदी के संरक्षण के लिए दिल्ली में नमामि गंगे मिशन के तहत 2009 करोड़ रुपये की लागत से 1268 एमएलडी सीवेज के उपचार के लिए कुल 11 परियोजनाएं शुरू की गई हैं
Jodhpur News: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज आईटीओ यमुना छठ घाट से ओखला बोट क्लब तक 12 किलोमीटर नाव में सफर कर ओखला क्षेत्र में नदी की स्थिति स्थल निरीक्षण के माध्यम से जानी और ओखला एसटीपी निर्माण की प्रगति का आकलन किया. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि मोदी सरकार यमुनाजी को निर्मल और अवरिल बनाना चाहती है.
आप ने नहीं निभाया वादा
जोधपुर से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने यमुना की स्वच्छता का वादा नहीं निभाया, लेकिन हम कायाकल्प के लिए कटिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि इस दिसंबर तक कई काम पूरे करने का लक्ष्य है. अगले वर्ष दिल्लीवासियों को जल की गुणवत्ता में वृद्धि स्पष्ट रूप से दिखाई देगी.
केंद्रीय मंत्री ने यमुना एक्शन प्लान-तीन के तहत ओखला में निर्माणाधीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का दौराकर बताया कि मां गंगा की तरह यमुनाजी को भी निर्मल और अविरल बनाना हमारी प्राथमिकता है. आने वाले दिनों में जनता निश्चित रूप से छठ पूजा के दौरान इस बदलाव को अपने सामने महसूस करेगी. ओखला एसटीपी निर्माण के लिए नमामि गंगे मिशन के तहत केंद्र सरकार 85 फीसदी, जबकि दिल्ली सरकार 15 फीसदी राशि उपलब्ध करा रही है. राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक जी. अशोक कुमार भी केंद्रीय मंत्री शेखावत के साथ रहे.
केंद्रीय मदद से चल रहीं 11 परियोजनाएं
उन्होंने कहा कि यमुना नदी के संरक्षण के लिए दिल्ली में नमामि गंगे मिशन के तहत 2009 करोड़ रुपये की लागत से 1268 एमएलडी सीवेज के उपचार के लिए कुल 11 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिसके तहत कोरोनेशन पिलर, कोंडली, ओखला और रिठाला एसटीपी का निर्माण हो रहा है. कोरोनेशन पिलर एसटीपी का कार्य पूरा हो चुका है. अन्य परियोजनाओं को आगामी दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है.
एशिया का सबसे बड़ा एसटीपी
ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के बाद यह देश ही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा एसटीपी प्लांट होगा. 665 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला यह एसटीपी रोजाना 564 मिलियन लीटर पानी को ट्रीट करेगा. 12 एकड़ में फैले एसटीपी की मदद से डेढ़ सौ टन कचरे को सुखाने के लिए सोलर ड्राइंग तकनीकी की व्यवस्था होगी. एसटीपी के चालू होने के बाद यमुना में गिरने वाली गंदगी को रोका जा सकेगा.
अपग्रेड हो रहे पुराने एसटीपी
ओखला सीवेज ट्रीटमेंट कॉम्प्लेक्स में छह अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र फेस- I (136 एमएलडी), फेस- II (55 एमएलडी), फेस- III (205 एमएलडी), फेस- IV (168 एमएलडी), फेस- V (73 एमएलडी) और फेस -VI (136 एमएलडी) हैं. फेस- I, II, III और IV संयंत्रों का निर्माण वर्ष 1993 से पहले किया गया था, जो काफी पुराने हैं. इसलिए इन्हें अपग्रेड कर उच्च मानकों के अनुरूप 564 एमएलडी की क्षमता का एक नया एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है. एसटीपी में अपशिष्ट, स्काडा, बायोगैस से बिजली उत्पादन और कीचड़ प्रबंधन आदि के गुणवत्ता मानकों की ऑनलाइन निगरानी का प्रावधान होगा.
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