Udaipur News: राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) में एक ऐसा कला महोत्सव (Art Festival) का आयोजन किया गया है जिसमें स्कूल के बच्चे अपनी कला दिखा रहे हैं. यह कार्यक्रम माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में शुरू हुआ है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) नेकिया.  यह महोत्सव तीन दिन तक आयोजित किया जाना है जिसमें प्रदेश भर के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं.

  


इस कार्यक्रम में खास बात यह है कि इसमें प्रस्तुति देने वाले छात्र-छात्राएं प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों में बने जनजातीय छात्रावास में रहते हैं. लोक कला मंडल निदेशक लईक हुसैन ने बताया कि हमारी यह सोच थी कि जनजातीय छात्रावास में रहने वाले बच्चों को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाए. इसी वजह से  यह कार्यक्रम हुआ. इसमें जिस भी क्षेत्र में छात्रावास है, बच्चों ने वहां की परंपरा को लेकर प्रस्तुति दी है. इस कला महोत्सव में राजस्थान के करीब 400 बच्चों ने भाग लिया है. 


कलाकारों को मिलेगा इनाम
यहीं नहीं, कला महोत्सव में समूह नृत्य, गीत और हस्त शिल्प का संगम हो रहा है. इस कार्यक्रम में हालांकि हस्त शिल्प नया है, जिसमें आदिवासी महिलाओं द्वारा रसोई में उपयोग की जाने वाली मिट्टी से बनी वस्तुओं की भी प्रदर्शनी लगाई गई है. इसके लिए विभाग ने आदिवासी समाज के कुछ कलाकारों को खास तौर पर आमंत्रित किया है. अन्य प्रतियोगिता भी है जिसमें जितने वाले को सरकार नगद इनाम भी देगी.




अलग-अलग नृत्य शैली को किया गया पेश
मंगलवार को कार्यक्रम का दूसरा दिन था. दो दिन में कई कार्यक्रम हो चुके हैं. इनमें सिरोही की बीना कुमार की टीम ने गौर नृत्य पेश किया जबकि, बांसवाड़ा की रक्षा टीम  द्वारा आदिवासी लोक नृत्य पर प्रस्तुति दी गई. इनके अलावा उदयपुर की डॉ. दिव्यानी कटारा की टीम ने रैंप वॉक किया.


प्रतापगढ़ के शंकरलाल की टीम  दल ने भी गौर नृत्य पर प्रस्तुत दी. उदयपुर की नीलम और उनकी टीम ने राजस्थानी नृत्य पेश किया. भारतीय लोक कला मण्डल उदयपुर की टीम द्वारा भवाई व चरी नृत्य पेश किया गया. किशनगंज की रानी और उनकी टीम ने सहरिया स्वांग और कोटड़ा ग्रुप ने ढोल नृत्य से समां बांधा. दर्शकों ने इस कार्यक्रम का लुत्फ उठाया और दर्शक दीर्घा से तालियों की आवाज आती रही.


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