Civil Services Coaching in Kota: राजस्थान के कोटा शहर की पहचान पूरे देश में कोचिंग नगरी के रुप में है. इस वातावरण को बनाये रखने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत रहता है. शिक्षा स्तर को बेहतर करने और विद्यार्थियों के तनाव को दूर करने के लिए समय-समय पर कार्यक्रम किये जाते रहे हैं. इस क्रम में कोटा में एक बार फिर जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है. इस बार सिविल सेवा के विद्यार्थियों को कोटा के उच्चाधिकारी गाइड करेंगे. जिला प्रशासन ने जिले के सिविल सेवा जैसे आईएएस-आरएएस अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी के लिए निशुल्क मार्गदर्शन देने की अभिनव पहल की है. जिसका शुभारंभ राजकीय महाविद्यालय में  किया गया. 


इसको लेकर संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने अभ्यर्थियों को मोटिवेट करते हुए कहा, 'छात्र अपना लक्ष्य तय करें और अभी से मेहनत में जुट जाएं, कामयाबी जरुर मिलेगी. इस दौरान जिला कलक्टर ओपी बुनकर, अतिरिक्त कलक्टर शहर बृजमोहन बैरवा एवं जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया. 


सफलता को कोई शार्ट कट नहीं- डॉ. प्रतिभा सिंह


संभागीय आयुक्त और 2007 बैच की आईएएस ऑफिसर डॉ. प्रतिभा सिंह ने अभ्यर्थियों को सफलता के मंत्र दिये. उन्होंने अभ्यर्थियों को मोटिवेट करते हुए कहा, यूं ही नहीं मिलती है राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है.  ऑफिसर डॉ. प्रतिभा सिंह ने कहा, सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं है, ना ही कोई निर्धारित रूल है. लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत से जुट जाएं तो आप को कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने सफलता के लिए पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन गतिविधियों, परिवार से जुड़ाव, मित्रों का साथ भी महत्वपूर्ण बताया.


डॉ. प्रतिभा सिंह ने कहा कि जब पढ़ाई करें तो सिर्फ पढ़ें यानी पूरी तल्लीनता और एकाग्रता से पढ़ाई करें. अपनी रूचि, क्षमताओं को पहचान कर लक्ष्य तय करें ना कि किसी के दबाव या प्रभाव में आकर. निरंतर अध्ययन के साथ प्रतिस्पर्द्धा भी जरूरी है. मोटिवेटेड रहें, लक्ष्य पर केंद्रित रहें. वांछित सामग्री का संकलन करें. तैयारी का समय-समय पर आंकलन कर निरंतर सुधार करते चलें.


'सरकारी स्कूल कॉलेज में शिक्षा लेकर यहां तक पहुंची'


संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया कि उनके समय में तैयारी और गाइडेंस के इतने साधन उपलब्ध नहीं थे. सरकारी स्कूल, कॉलेज से अध्ययन कर ही वे यहां पहुंची हैं. उन्होंने प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार को लेकर भी अभ्यर्थियों को टिप्स दिए. छात्रों को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि आप वह लक्ष्य तय करें, जिसमें आपको खुद पर भरोसा हो, संतुष्टि और खुशी मिले. किसी दबाव में आकर लक्ष्य ना तय करें. अपनी पढ़ाई के घंटे निर्धारित करें, एकाग्रता के साथ अध्ययन करें. पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों, परिवेश की जानकारी भी रखें. मार्गदर्शन के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी समय-समय पर उपलब्ध रहेंगे. कार्यक्रम छात्रों से उन्होंने सिविल सेवा के अनुभव भी साझा किए.


'कोटा टेक्नोक्रेट्स के अलावा ब्यूरोक्रेट्स भी देगा'


अतिरिक्त कलेक्टर शहर ने इस नवाचार का परिचय देते हुए कहा कि जो विद्यार्थी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं या उस क्षेत्र में जाना चाहते हैं और किसी कारणवश कोचिंग नहीं जा पा रहें हैं. उनके लिए यह मिशन सफलता शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि कोटा टेक्नोक्रेट्स तो देता ही है, इसी तरह यहां से ब्यूरोक्रेट्स भी बड़ी संख्या में निकलें तो सुखद होगा. 


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