Alwar UPSC Results: अलवर में मुकुल, मयूर और निधि ने मारी बाजी, जानें- किसने कैसे की तैयारी, दिए ये टिप्स
Alwar UPSC Results: आईएफएस मुकुल जैन, आईपीएस मयूर खंडेलवाल के अलावा एक छात्रा निधि गोयल अलवर से यूपीएससी में सफलता प्राप्त की है.
Rajasthan UPSC Results: यूपीएससी (UPSC) के परिणामो में अलवर (Alwar) जिले से भी युवाओं का आइएएस (IAS) में चयन हुआ. इसमें आईएफएस (IFS) और आईपीएस (IPS) सहित एक छात्रा ने बाजी मारी. आईएफएस मुकुल जैन (IFS Mukul Jain) देश भर में 59वां स्थान प्राप्त कर आईएएस बने हैं. वहीं, निधि गोयल (Nidhi Goel) ने 298वीं रैंक प्राप्त की है तो तीसरी बार सिविल सेवा में चयनित होने वाले आईपीएस मयूर खंडेलवाल (IPS Mayur Khandelwal) ने 198वीं रैंक हासिल की हैं.
बता दें कि मुकुल जैन का चयन 2019 में आईएफएस के लिए हुआ. फिलहाल वह देहरादून में वन अकेडमी में ट्रेनिग ले रहे हैं. मुकुल का सपना आईएएस बनने का था और वह लगातार ट्रेनिंग के दौरान भी आईएएस की तैयारी में जुटे रहे. आखिर इस बार मुकुल को आईएएस बनने में सफलता मिल ही गयी. मुकुल ने आईएएस बनने के लिए तीसरी बार प्रयास किया था. हालांकि 2019 में वह आईएफएस के लिए चुने जा चुके थे लेकिन मुकुल ने हार नहीं मानी और उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय ने उन्हें आईएएस बना दिया.
मुकुल जैन का संदेश- गलतियों को सुधारकर आगे बढे़ें
अलवर के सूर्य नगर निवासी मुकुल ने एनआईटी हमीरपुर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. मुकुल दसवीं कक्षा में भी मेरिट में आये थे. अब उनके आईएएस बनने के बाद बधाई देने वालों का सिलसला शुरू हो गया है. घर में खुशी का माहौल बना हुआ है. सबने यहां एक दूसरे को मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया.
मुकुल जैन की माता बबीता जैन गृहणी हैं और पिता प्रमोद जैन अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ में सीबीईओ के पद पर काम कर रहे हैं. मुकुल के बड़े भाई अनुराग जैन एसबीआई में डिप्टी मैनेजर है और बहन अक्षिता इंजीनियर हैं. मुकुल ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता और ईश्वर को दिया है. साथ ही उन्होंने युवाओं को सन्देश दिया कि असफलताओं से निराश न होकर अपनी गलतियों को सुधारकर आगे बढ़ें और मानसिक तौर पर मजबूत होकर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जुट जाएं, परिणाम निश्चित रूप से अच्छे ही आएंगे.
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सेल्फ स्टडी से निधि खंडेलवाल ने हासिल की सफलता
निधि खंडेलवाल अलवर की फ्रेंड्स कॉलोनी की निवासी हैं. उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 298वीं रैंक हासिल करते हुए अपना और परिवार का आईएएस बनकर सपना साकार किया. निधि को यह सफलता तीसरी बार में मिली है लेकिन निधि न कभी निराश हुईं, न ही मेहनत छोड़ी. निधि ने सेल्फ स्टडी करते हुए रोजाना सात से आठ घंटे तक अपनी पढ़ाई जारी रखी और आखिर उन्हें सफलता मिली और वह आईएएस बनीं.
निधि के पिता विष्णु गोयल व्यवसायी हैं और माता ज्योति गोयल ग्रहणी हैं, आईएएस में चयन होने के बाद घर में खुशियों का माहौल देखा गया. सब एक दूसरे को मिठाई खिला रहे थे. वहीं, मिलने वाले और रिश्तेदारों के लगातार बधाइयों के फोन आ रहे हैं. पिता का कहना है कि निधि में आईएएस बनने की जिद थी जिसके चलते उसने दिन रात कड़ी मेहनत की और उसकी मेहनत को देखते हुए भगवान का आशीर्वाद उस पर बना और वह आईएएस बनी है.
दिल्ली आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग कर चुके हैं मयूर खंडेलवाल
आईपीएस में चयन होने के बाद भी आईएएस बनने की चाह ने अलवर के मालवीय नगर निवासी मयूर खंडेलवाल ने भी सिविल सेवा के परिणामों में बाजी मारते हुए 198वीं रैंक हासिल की है. मयूर खंडेलवाल का सिविल सेवा में तीसरी बार चयन हुआ है. वर्तमान में मयूर प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर हैदराबाद में ट्रेनिंग ले रहे हैं. दिल्ली आईआईटी से मयूर ने सिविल इंजीनियरिंग की. उसके बाद वह इसी तैयारी में जुटे रहे. मयूर खंडेलवाल के पिता मोहन लाल खंडेलवाल प्रधानाचार्य हैं और माता मधुबाला व्याख्याता के पद पर हैं.
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