Passport Office In Kota: कोटा (Kota) में भले ही एयरपोर्ट की सौगात नहीं मिली हो, लेकिन पासपोर्ट कार्यालय का शुभारंभ हो गया. कोटा सहित आसपास के 15 जिलों के विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए शुक्रवार का दिन बड़ी सौगात लाया. विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन (V. Muraleedharan) ने प्रदेश के दूसरे पासपोर्ट कार्यालय का कोटा में शुभारंभ किया. उद्घाटन होने के साथ ही कोटा पासपोर्ट कार्यालय से पासपोर्ट जारी किए जाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई.


विदेश राज्य मंत्री ने पहला पासपोर्ट कोटा निवासी अभिषेक खींची को सौंपा. पासपोर्ट कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने सीपी ऑडिटोरियम में आयोजित सभा को सम्बोधित किया.  सभा को सम्बोधि  करते हुए विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने कहा कि 2018 तक राजस्थान में पासपोर्ट के लिए हर साल तीन से चार लाख आवेदन आते थे. इस साल छह लाख आवेदन अपेक्षित हैं.


विदेश राज्य मंत्री ने कहा "कोटा और आसपास के जिलों से 25 से 50 हजार आवेदन आते थे, जो अब बढ़कर एक लाख हो गए हैं. इस कारण जयपुर स्थित राजस्थान के एक मात्र पासपोर्ट कार्यालय पर दबाव था. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा में प्रदेश का दूसरा पासपोर्ट कार्यालय प्रारंभ होने से आमजन को राहत मिलेगी. यही नहीं पासपोर्ट जारी करने का काम पहले से अधिक सहजता और त्वरित गति से हो सकेगा. उन्होंने कहा 2014 में भारत विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत आज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. विश्व बैंक सहित दुनिया के प्रमुख आर्थिक संस्थान का कहना है कि हम जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे."


 'भारत का निर्यात बाजार 400 बिलियन डॉलर से अधिक'
विदेश राज्य मंत्री ने  कहा कि आज भारत का निर्यात बाजार 400 बिलियन डॉलर से अधिक का है. इस कारण भारतीयों का विदेश जाना काफी बढ़ा है. विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि 2014 से पहले देश में मात्र 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, जिनकी संख्या बीते नौ वर्षों में सात गुना बढ़कर 500 से अधिक पहुंच चुकी है. हम चाहते हैं कि जो भी व्यक्ति पासपोर्ट के लिए आवेदन करे, उसे बिना परेशानी के जल्द से जल्द पासपोर्ट जारी किया जाए. कोटा पासपोर्ट कार्यालय इस दिशा में काफी कारगर सिद्ध होगा. विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के दौरान दुनिया ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उभरते भारत की ताकत को देखा. 


विदेश राज्य मंत्री ने  कहा कि  डिजिटल क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदमों को देख दुनिया के शीर्ष 20 देशों के नेता भी आश्चर्यचकित थे. आलोचक कहते थे कि भारत में नागरिकों को डिजिटल माध्यमों के उपयोग से जोड़ने में 50 साल लग जाएंगे. पीएम मोदी के नेतृत्व में मात्र छह वर्ष में 80 फीसदी से अधिक संख्या डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर रही है.


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