Vasundhara Raje in Churu: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) सिंधिया ने चूरू के सालासर बालाजी मंदिर में आज अपना 70वां जन्मदिन मनाया. सबकी नजरें राजे के जन्मदिन के कार्यक्रम पर टिकीं हुई थीं. राजे ने तय समय के अनुसार अपने कार्यक्रम को पूरा किया. सुबह लगभग 8 बजे मंदिर में पूजापाठ किया. उसके बाद हवन किया. दान- दक्षिणा के बाद उन्होंने पांडाल में इंतजार कर रहे लोगों के बीच में पहुंचीं.
इसके बाद वसुंधरा राजे ने अपना भाषण शुरू किया. उन्होंने सभी मुद्दों पर मंच पर बोला, लेकिन अपने अंदाज में कह डाला कि राजस्थान की भूमि मेरी मां है. इस भूमि के माथे पर विकास का मुकुट बांधने के लिए हमारे बीच में कोई भी माई का लाल नहीं आ सकता है. न ही कोई इसे रोक सकता है. इसके बाद वहां पर जोरदार तालियां बजने लगीं.
'संगठन की सिपाही के रूप में कर रही काम'
वसुंधरा राजे ने कहा कि भाइयों मैं नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हमारी विचारधारा के साथ आगे बढ़ रही हूं. मैं संगठन में सिपाही के रूप में काम कर रही हूं. बालाजी का आस्था और आपके आशीर्वाद का जो दीप जलाया है, वो किसी भी आंधी और तूफ़ान से भाइयों मिट नहीं सकता, चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले.
वसुंधरा राजे ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि हमारे मंच पर पूर्व विधायक और पूर्व सांसद और सांसद बैठे हैं. कैलाश मेघवाल मंच पर बैठे हैं, कहां से कहां हम लोग आ गए हैं. इनके साथ मेरी राजनीतिक जिंदगी शुरू हुई थी.
'चमत्कार होगा, मुझे पूरा विश्वास है'
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंच से कहा कि भगवान हनुमान की नगरी में आने का सौभाग्य मिला है. वसुंधरा ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह जगह चमात्कारिक है. रोज नए नए चमत्कार हो रहे हैं. बताइये कभी सीकर और चूरू के ऊपर इस सीजन में बारिश आती है? लेकिन आज बारिश आ रही है. वसुंधरा ने कहा कि हनुमान जी ने दिल खोलकर बोल दिया है कि हमें प्यार है सबसे.
उन्होंने आगे कहा कि मैं आज आप लोगों से मिलने के लिए आई हूं. उन्होंने कहा कि मेरी गुरु और मेरी मां ने सिखाया है. अगर राजस्थान के लिए जान देना पड़े तो देना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अटल जी ने मुझे साहसी बनाया है. भैरो सिंह शेखावत ने सिखाया है कि दिल और दिमाग से काम करना सिखाया है.
'पुजारी को दिया धन्यवाद'
वसुंधरा राजे ने कहा कि मैं अपने उन सहयोगियों को दिल से धन्यवाद दे रही हूं, जिन्होंने मेरा साथ नहीं छोड़ा. दिन और रात मेरे साथ खड़े रहे. उन्होंने पुजारी परिवार के बारे में बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि मांगीलाल और पूरे पुजारी को धन्यवाद देती हूं. पिछले कई साल से हर मंगलवार को मुझे फोन आता है और पूजा कराकर बालाजी तक मेरी बात पहुंचाते हैं.