Rajasthan Politics News: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) डूंगरपुर (Dungarpur) जिले के म्याला में विधायक गोपाल मीणा द्वारा करवाई गई भागवत कथा में शामिल हुई. वसुंधरा राजे के पहुंचने से पहले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) अचानक कथा स्थल पर पहुंचे. उन्होंने वहां आशीर्वाद लिया और वसुंधरा के आने से पहले ही वहां से निकल गए. वसुंधरा राजे से भी मीडिया ने सतीश पूनिया और सचिन पायलट (Sachin Pilot) को लेकर सवाल किए लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. 

 

वसुंधरा राजे ने यहां मौजूद लोगों को संबोधित किया और कहा, 'विकट परिस्थितियों में चट्टान की तरह डटे रहो. कई अपने पराये हो सकते हैं. ईश्वर में आस्था और खुद में लड़ने की क्षमता रखो, फिर तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. फिर कहा ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय. बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय'. ‘हमें चिंता नहीं उनकी, उन्हें चिंता हमारी है. हमारी नाव के रक्षक, सुदर्शन चक्रधारी हैं.’  मैं आपसे एक कहानी साझा करना चाहती हूं.' वसुंधरा राजे ने आगे एक कहानी भी सुनाई जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. 

 

भगवान और भक्त की कहानी सुना वसुंधरा ने किया कैसा इशारा?

वसुंधरा राजे ने कहा, ' एक गांव में एक भगवान का सच्चा भक्त और एक अधर्मी रहते थे. दोनों में लड़ाई थी पर दोनों ही मंदिर जाते थे. एक दिन अधर्मी ने पुजारी के कान में कहा कि पिछले दिनों मंदिर से जो गहने चोरी हुए थे, वह उस दूसरे व्यक्ति (भक्त) ने चुराये थे. पुजारी ने मान लिया और दूसरे दिन भगवान की भक्ति में लीन उस व्यक्ति को चोर समझ मंदिर में नहीं घुसने दिया.

 

पर वो रोज आता और भगवान की सीढ़ियों पर ही ढोक लगाकर चला जाता. एक दिन वह भगवान की सीढ़ियों पर ढोक लगाकर घर जा रहा था तभी अचानक कार से टकरा गया. घर आकर वह भगवान की तस्वीर के सामने बैठकर कहने लगा भगवान धर्म की राह पर चलने वालों पर इतने संकट?'

 

क्या बीजेपी की अंदरूनी कलह की ओर था इशारा?

वसुंधरा राजे ने आगे कहानी का आखिरी हिस्सा सुनाते हुए कहा, 'भगवान बोले जिस दिन तू गाड़ी से टकराया, वो तेरा आखिरी दिन था. पर तेरी भक्ति से तेरी मौत छोटी सी चोट में बदल गई. मेरी भक्ति के कारण तुझे एक दिन बहुत ऊंचा मुक़ाम मिलेगा. भगवान ने उसे उस अधर्मी के बारे में भी बताया कि उसके भाग्य में राजयोग था, मगर उसने मेरे भक्त पर झूठा आरोप लगाकर उसका दिल दुखाया.

 

मेरे गहने भी उसी ने चुराये, इसलिए भाग्य में होने के बावजूद उसे राजयोग कभी प्राप्त नहीं होगा. चाहे वह कितने ही झूठे आरोपों का सहारा ले लें. कितना ही षड्यंत्र रच लें, कामयाबी अंत में तुम्हारी ही होगी.' वसुंधरा राजे द्वारा इस कथावाचन के भी मायने निकाले जा रहे हैं. उन्होंने यह बात सचिन पायलट को लेकर कही या फिर बीजेपी के अंदरूनी कलह को लेकर, इसको लेकर अटकलें चल रही हैं.