Rajasthan Politics: राजनीतिक द्वेश्ता हो या नियम का फेर, लेकिन राजनीति अब धीरे-धीरे व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप के साथ सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाने की होती जा रही है. अगर नेताओं में तीखी प्रतिद्वंद्विता हो तो एक दूसरे के खिलाफ वाक युद्ध ही नहीं, जहां मौका मिलता है एक दूसरे का नुकसान करने में भी नहीं चूकते. हालांकि इस नुकसान करने के पीछे राजनीतिक कारण हो सकते हैं, लेकिन नियम और कानून का सहारा भी लिया जाता है. ऐसा ही एक अजीबो गरीब मामला कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र में देखने को मिला जहां पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सभा स्थल पर वन विभाग ने दो लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया.
बफर जोन में वायलेंस किया, खड्डे किए, पेड़-पौधे काटे गए
एसीएफ तरुण मेहरा ने बताया कि वन क्षेत्र में सभा स्थल पर गंदगी करना, वन विभाग की जमीन पर गड्ढे करना, टेंट लगाना, पेड़-पौधे-झाड़ियों को काटने के कारण ये जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वन क्षेत्र में आने पर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत ये कार्रवाई की गई है, जो भी आयोजक हैं उनके खिलाफ ये जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने कहा कि जहां यूआईटी ने परमिशन दी थी, वहां इन लोगों ने टेंट नहीं लगाया और सूखा देखकर वन विभाग की जगह पर कार्यक्रम किया जिससे यहां वायलेंस हुआ. जिस जगह यह कार्यक्रम हुआ वह शंभुपुरा क्षेत्र डाबी विभाग बूंदी की रेंज में आता है, इस मामले में डाबी रेंजर ने कार्रवाई की है.
2 जुलाई को हुई थी वसुंधरा राजे की महारैली
कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने 2 जुलाई को महारैली की थी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आई थी. इस रैली में कोटा संभाग ही नहीं प्रदेश के कई जगह से कार्यकर्ता आए थे. इस रैली में करीब 1400 बसें और अन्य चौपहिया व दुपहिया वाहन से लोग आए थे. इस कार्यक्रम की सफलता को लेकर शहर में चर्चा थी, कोटा उत्तर विधायक प्रहलाद गुंजल के सामने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल चुनाव लड़ते हैं और दोनो ही नेताओं का अपना ही वर्चस्व है.
वर्चस्व को लेकर ही यह कार्यक्रम आयोजित किया गया और पूर्व सीएम सहित कई सांसद व विधायक पूर्व मंत्री इसमें शामिल रहे. अब इस तरह की कार्रवाई से राजनैतिक हलचल और तेज हो गई है. वहीं इस मामले में आयोजन रुपेश शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि यह प्रहलाद गुंजल का कार्यक्रम था और उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
यह भी पढ़ें: 'भूलो और माफ करो...' अशोक गहलोत से विवाद के बीच सचिन पायलट ने मानी मल्लिकार्जुन खरगे की सलाह