Kota News: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कोटा मुकुंदरा टाइगर हिल्स से बाघिन को क्षेत्र के बोराबास सेल्जर में शिफ्ट करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. राजे ने ट्वीट कर सरकार और वन विभाग के फैसले को कटघरे में खडा किया है. राजे ने कहा कि जब बाघिन MT-4 को MHTR में सेल्जर शिफ्ट करने की बात की गई तो अधिकारियों द्वारा वहां का बायोटिक दबाव ज्यादा होना एवं सुरक्षा का अभाव बताया था.


मुझे आश्चर्य है यह देखकर कि जिन अफसरों ने सेल्जर को बाघिन के लिए उचित नहीं माना था, आज वही बाघिन को वहां खुला छोड़ दिया है. अगर बाघिन-MT4 को कुछ भी होता है, तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर राजस्थान सरकार की होगी. हमने सरकार में रहते हुए कठिन प्रयास करके दरा के जंगलों को र्विकसित किया था. राजस्थान सरकार जवाब दें कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इतने अनुचित कदम उठाने की क्या वजह है. 


वन्य जीव प्रेमियों ने भी किया विरोध, डीएम को सौंपा ज्ञापन
वन्य जीव प्रेमियों बाघिन को शिफ्ट करने का विरोध जताया है और डीएम को ज्ञापन सौंपकर सेल्जर से निकालकर मुकंदरा में शिफ्ट करने की मांग की है. वन्य जीव प्रेमी जैदी का आरोप है कि विभाग ने कोई जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया. इस फैसले से बाघिन के जीवन को भी खतरा हो सकता है. बाघिन को सेल्जर से निकालकर मुकुंदरा में शिफ्ट किया जाए.


वहां और दूसरे बाघ को लाकर शिफ्ट किया जाना चाहिए जिससे उसका जोड़ा भी बने और पर्यटन के लिहाज से मुकुंदरा भी बड़ा केंद्र बन सके. लेकिन सरकार ऐसा करने की बजाय बाघिन को ही शिफ्ट करने में लगी हुई है जो कि निराशा भरा कदम है. वन्यजीव प्रेमियों ने कहा कि हम इसलिए विरोध कर रहे हैं कि इससे पहले भी यहां दो बाघों की मौत हो चुकी है तो हमें डर सता रहा है.


राजस्थान का तीसरा टाइगर रिजर्व है मुकुंदरा
कोटा जिले में स्थित मुकुंदरा टाइगर रिजर्व प्रदेश का तीसरा टाइगर रिजर्व है. पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार में यह टाइगर रिजर्व बनाया गया था और यहां टाइगर शिफ्ट किए गए थे. यह 759 वर्ग किलोमीटर में यह फैला हुआ है. वही 417.17 वर्ग किलोमीटर का इसका कोर एरिया है. टाइगर रिजर्व का बफर जॉन 342.82 वर्ग किलोमीटर का है. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन 10 अप्रेल 2013 को जारी हुआ था. 3 अप्रेल 2018 को बूंदी जिले की रामगढ़ सेंचुरी से टी 91 बाग़ शिफ्ट किया गया था. तब से यह बाघ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व निवास कर रहा है. हालांकि अब तक मुकुंदरा टाइगर हिल्स में दो बाघों की मौत भी हो चुकी है. 


वन विभाग बोला एनटीसीए के आदेशों की कर रहे हैं पालना
मुकुंदरा टाइगर हिल्स के फील्ड डायरेक्टर एस आर यादव ने बताया कि 24 घंटे बाघिन की सुरक्षा की जा रही है. बाघिन के लिए पूरा जंगल खुला है. बाघिन अब सेल्जर में नहीं है. वह नीचे जंगल में विचरण कर रही है. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 150 चीतल है.


दक्षिण क्षेत्र दरा में 82 स्क्वायर किलोमीटर में एनक्लोजर बना हुआ है. एनटीसीए ने उसे खोलने की स्वीकृत दी है. ऐसे में एनक्लोजर खोला जाना प्रस्तावित है. यादव ने कहा कि एमटी-4 बाघिन की पूरी सुरक्षा की जा रही है. लगातार मोनेटरेटिंग में देखा गया है कि बाघिन को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है. 


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