Rajasthan Politics: बर्थडे से पहले जन्मदिन मनाकर ताकत दिखाएंगी वसुंधरा, BJP ने की है यह तैयारी
Rajasthan Assembly Election 2023: जिस दिन वसुंधरा राजे जन्मदिन मनाएंगी, उसी दिन BJP ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की अपील की है. इसमें पेपर लीक, खराब कानून व्यवस्था आदि मुद्दों पर प्रदर्शन होगा.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) इस साल अपना जन्मदिन आठ मार्च की बजाय चार मार्च को ही मनाएंगी. उन्होंने अपना जन्मदिन मनाने के लिए सालासर धाम को चुना है.दरअसल वसुंधरा राजे के जन्मदिन आठ मार्च को होली पड़ रही है. इसे देखते हुए उन्होंने अपना जन्मदिन चार मार्च को ही मनाने का फैसला किया है. उस दिन वो सालासर धाम में पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लेंगी और अपना जन्मदिन मनाएंगी. वहीं बीजेपी (BJP) ने चार मार्च को अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot)के खिलाफ धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया है.
जन्मदिन के बहाने शक्ति प्रदर्शन
वसुंधरा के जन्मदिन को चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है. वसुंधरा अपने जन्मदिन के मौके पर सालासर में एक जनसभा को संबोधित करेंगी. सालासर धाम में जन्मदिन के मौके पर सासंद दुष्यंत सिंह,सांसद राहुल कस्वा,प्रताप सिंह सिंधवी, नरेंद्र नागर,कालीचरण सर्राफा,अशोक परनामी, युनुस खान, दिनेश जोशी,राम सिंह कस्वा सहित अनेक राजे समर्थक नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है.
इससे पहले वसुंधरा राजे ने अपना जन्मदिन कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के केशवराय जी के मंदिर में मनाया था. उस समय उसमें करीब 50 विधायकों के शामिल होने की चर्चा थी. सालासार में जन्मदिन मनाने की वसुंधरा की घोषणा ने राजनैतिक गलियारे में चर्चाओं को तेज कर दिया है. माना जा रहा है कि चुनाव से पहले वसुंधरा खेमा अपनी सक्रियता बढ़ा रहा है. इसे राष्ट्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है.
वसुंधरा और बीजेपी का संबंध
जिस दिन वसुंधरा राजे अपना जन्मदिन मनाएंगी उसी दिन चार मार्च को बीजेपी ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की अपील की है.इसमें राज्य में पेपर लीक, बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, जैसे ज्वलंत मुद्दों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. इसे राजस्थान बीजेपी में वसुंधरा विरोधी गुट की सक्रिय होने के रूप में देखा जा रहा है.
दरअसल वसुंधरा राजे हेमाशा से अलग रुख अपनाए हुए हैं. वो प्रदेश संगठन के समानांतर चलती रहती हैं. कोरोना काल में जब बीजेपी के नेता सेवा ही संगठन के नाम से अभियान चला रहे थे तो राजे अपनी वसुंधरा जन रसोई चला रही थीं.वो कुछ दिन पहले आयोजित बीजेपी की जनआक्रोश यात्रा में भी शामिल नहीं हुई थीं. अब जन्मदिन के बहाने उनके कार्यक्रम को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.
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