Vasundhra Raje Politics: राजस्थान की सियासत में अगर किसी धाकड़ और दिग्गज महिला नेत्री का नाम लिया जाए तो उस लिस्ट में निसंदेह वसुंधरा राजे (Vasundhra Raje) का नाम भी शामिल होगा. वसुंधरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च 1953 को बॉम्बे (वर्तमान मुंबई) में हुआ. वसुंधरा का संबंध किसी आम परिवार से नहीं है बल्कि वे ग्वालियर के महाराजा विजयाराजे सिंधिया-शिंदे और जिवाजीराव सिंधिया-शिंदे की बेटी हैं, जो प्रमुख सिंधिया शाही मराठा (Shahi Maratha) परिवार के सदस्य हैं.
अपनी स्कूली शिक्षा कोडाइकनाल, तमिलनाडु में प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल से पूरी करने के बाद वसुंधरा ने सोफिया कॉलेज फॉर वूमेन, मुंबई से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान की डिग्री के साथ स्नातक की डिग्री ली. इसके बाद वसुंधरा 17 नवंबर 1972 को शाही धौलपुर परिवार के महाराज राणा हेमंत सिंह के साथ शादी के बंधन में बंध गईं. हालांकि उनका वैवाहिक जीवन लंबे समय तक न चल सका और एक साल बाद वे अपने पति से अलग हो गईं.
राजनीतिक परिवार से वसुंधरा का संबंध
शुरू से ही राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली वसुंधरा राजे के बेटे से लेकर भतीजे तक सियासत में एक बड़ा मुकाम रखते हैं. जहां भतीजे ज्योतिरादित्य सींधिया मध्य प्रदेश की सियासत में दिग्गज नेता माने जाते हैं तो वहीं उनके बेटे दुष्यंत सिंह उनके पूर्व निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़-बारां से लोकसभा के लिए 4 बार चुने गए. वसुंधरा राजे के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो पाएंगे कि उन्होंने 1984 में भारतीय राजनीति में प्रवेश किया. उस वक्त उन्हें नवगठित भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया.
5 बार बनीं विधायक, दो बार राजस्थान की सीएम
जब 8वीं राजस्थान विधानसभा चुनाव में वसुंधरा धौलपुर से चुनी गईं तो उन्हें युवा मोर्चा, राजस्थान बीजेपी का उपाध्यक्ष बना दिया गया. वे पहले अटल बिहारी वाजपेयी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री थीं और इस तरह उन्होंने भारत की पहली सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री का खिताब अपने नाम कर लिया था. वे 1985 में पहली बार विधायक चुनी गईं, 1985-87 तक राजस्थान बीजेपी युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष रहीं. वहीं साल 2018 में 5वीं बार विधायक बनीं और वर्तमान में भी झालावाड़ जिले की झालरापाटन सीट से विधायक हैं.
5 बार की लोकसभा सांसद रही है वसुंधरा दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं. वर्तमान में वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर आसीन हैं. सिंधिया परिवार की एक सदस्य होने के नाते वे धौलपुर के बमरौलिया परिवार की कुलमाता भी हैं.
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