Indian Railway News: ट्रेनों में वेंडर यात्रियों से नहीं ले पाएंगे ओवरचार्ज, कोटा रेल मंडल ने किया ये इंतजाम
Indian Railway: कोटा रेल मंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं. इससे न केवल रेलवे के राजस्व में इजाफा हुआ है बल्कि यात्रियों को ओवरचार्जिंग जैसी समस्या से निजात मिलेगी.
Kota News: भारतीय रेलवे (Indian Railway) के कोटा रेल मंडल (Kota Rail Board) ने नई नवीन गैर किराया राजस्व विचार योजना को कार्यान्वित करके गैर-किराया राजस्व (NFR) के तहत स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं को उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रहा है. कोटा मंडल रेल प्रबंधक मनीष तिवारी के मार्गदर्शन में कोटा मंडल के वाणिज्य विभाग द्वारा गैर- किराया राजस्व (एनएफआर) के तहत अत्याधुनिक सुविधाओं उपलब्ध कराने के साथ ही साथ अतिरिक्त राजस्व बढ़ने के लिए सराहनीय पहल कि जा रही है.
कोटा मंडल ने यात्रियों को ट्रेन में उचित मूल्य पर आवश्यक विभिन्न वस्तुओं की बिक्री के लिए मार्च 2022 में तीन वर्ष के अनुबंध और 16 लाख वार्षिक अतिरिक्त राजस्व के साथ मंडल के कोटा- भरतपुर- कोटा खण्ड पर इस प्रकार की बिक्री के लिए पहल की थी, जिसका 11 मई 2023 से विस्तारीकरण करते हुए कोटा मंडल के कोटा- नागदा- कोटा, कोटा- रूठियाई- कोटा और कोटा- झालावाड़ या जूनाखेड़ा- कोटा खण्ड पर चल रहे सवारी गाड़ी, मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट ट्रेनों (राजधानी, शताब्दी, दूरंतों और सभी प्रीमियम ट्रेनों को छोड़कर) के सभी कोचों में यात्रियों के लिए उपयोगी, आवश्यक वस्तुओं की बिक्री अंकित दर से करने के लिए विक्रेता अधिकृत किया गया है।
रेलवे को हर साल 37.89 लाख राजस्व अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि इस पहल के तहत अनुबंध समय- सीमा तीन वर्षों तक रखा गया है. विक्रेता ट्रेन में केवल सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक बिक्री कर सकता है. जिसमें कुल 40 विक्रेता (व्यक्तियों) तक संख्या सीमित होगी. इन तीनों खण्डों के बीच ट्रेनों में अखाद्य एवं विविध वस्तुओं के बिक्री से रेलवे को अतिरिक्त प्रतिवर्ष 37.89 लाख राजस्व प्राप्त होगा अर्थात् तीन वर्षो में कुल 1.13 करोड़ रुपए रेलवे को गैर राजस्व किराया के तहत मिलेगा.
ट्रेनों में बिक्री की जाने वाली अखाद्य और दूसरी वस्तुएं
- घरेलू उत्पाद में फैब्रिक वॉश, लॉन्ड्री साबुन और पाउडर, डिश/बर्तन वॉशर, अपहोल्स्ट्री क्लीनर, मेटल पॉलिश, फर्नीचर पॉलिश, शू पॉलिश.
- ओरल केयर की श्रेणी में टूथपेस्ट, माउथवॉश, सैनिटाइजर, टूथ ब्रश, टंग क्लीनर.
- त्वचा की देखभाल में फेयरनेस क्रीम, लोशन, जैल, शावर जेल, फेस सीरम, सन स्किन क्रीम, मॉइस्चराइजर, फेस वॉश, हैंड वाश, महानदी, शेविंग क्रीम/जेल/फोम, शेविंग रेजर और ट्रिमर (ब्लेड की अनुमति नहीं है).
- बालों की देखभाल में बालों का तेल, शैंपू, बालों का रंग, बालों का रंग, कंघी, क्लिप, बालों के बैंड.
- सौंदर्य प्रसाधन में फेस क्रीम, लिपस्टिक, नेल पॉलिश, टैल्कम पाउडर, हेयर स्टाइलिंग उत्पाद, आई शैडो और मस्कारा.
- स्वास्थ्य संबंधी में मरहम, बाम, खांसी की दवाई, चवनप्राश, पीसीएम टैबलेट, कॉम्ब फ्लैम, बैंड-एड, डिस्प्रिन, वोलिनी और अन्य ओवर द काउंटर (ओटीसी) दवाएं.
- कागज उत्पाद में टिशू, डायपर, सेनेटरी पैड, गीले टिशू, समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं.
- स्टेशनरी उत्पाद में पेन, नोटबुक, पेंसिल, बॉक्स, स्टेपलर, कलर बॉक्स, वॉलेट.
- अन्य वस्तुओं में छोटे खिलौने, स्कार्फ, रूमाल, दस्ताने, मोबाइल या लैपटॉप एक्सेसरीज, एक्सटेंशन बोर्ड, स्थानीय हस्तकला उत्पाद, मोबाइल या लैप टॉप एक्सेसरीज, गारमेंट्स, सैनिटरी नैपकिन, परफ्यूम, डिओडोरेंट और यूज एंड थ्रो बेड-रोल.
ट्रेन यात्रियों मिलेंगे ये फायदे
- अनधिकृत वेंडरों और ओवरचार्जिंग से यात्रिओं को मिलेगी राहत.
- यात्रियों को खरीद गए सामानों पर मिलेगा उपयुक्त बिल.
- ऑनलाइन या क्यूआर कोड से पेमेन्ट की सुविधा.
- विक्रेता की होगी ब्लू टी- शर्ट वाली यूनिफॉर्म.
- ट्रेन में बिक्री के दौरान पहचान पत्र एवं यात्रा अधिकार पत्र विक्रेता को रखना अनिवार्य.
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