Rajasthan News: विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल की ओर से मथानिया के आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम हुआ. त्रिशूल दीक्षा के कार्यक्रम में 2500 बजरंगी युवाओं को शपथ दिलाई गई. विश्व हिंदू परिषद के डॉ सुरेंद्र जैन ने बजरंगी कार्यकर्ताओं को राष्ट्र योगदान पर उभारा. उन्होंने कहा कि संत, मठ- मंदिर की रक्षा के लिए त्रिशूल दीक्षा ग्रहण कराई जाती है.


उन्होंने उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड को गहलोत सरकार की तुष्टिकरण का नतीजा बताया. डॉ सुरेंद्र जैन ने आरोप लगाया कि सर तन से जुदा गैंग को राजस्थान की सरकार ने पोषित किया. उन्होंने कहा कि देश विरोधी ताकतों का जवाब देने के लिए बजरंग दल हर गांव में काम कर रहा है. उन्होंने आह्वान किया कि संघर्ष कर विजय प्राप्त करनी होगी.


बजरंग दल का त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम 


डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि राजस्थान में पिछले तीन वर्षों के दौरान 2 हजार से अधिक हिन्दूवादी कार्यकर्ताओं पर हमले हुए. राजस्थान की धरती बप्पा रावल महाराणा प्रताप की भूमि है. घास की रोटी खा लेंगे लेकिन आत्मसम्मान से समझौता नहीं करेंगे. राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव है. राष्ट्रीय गौरव को कोई धूमिल नहीं कर सकता है.


राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए हिंदू समाज ने निरंतर संघर्ष किया. 1984 से शुरू हुए आंदोलन में 16 करोड़ राम भक्तों ने भाग लिया. 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय देने तक आंदोलन निरंतर चलता रहा. अद्वितीय आंदोलन का ही परिणाम था कि राष्ट्रीय शर्म का प्रतीक बाबरी ढांचा अब नहीं है.




विहिप के सुरेंद्र जैन ने किया संबोधित


अब राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर साकार हो रहा है. उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन का इतिहास देश को "आत्मग्लानि से आत्मविश्वास की ओर" जाने वाली एक अद्भुत गौरव यात्रा है. लगभग 1000 वर्षों तक विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ चले संघर्ष ने विजय दिलाई. लेकिन धर्म-निरपेक्षता की विभाजनकारी राजनीति ने देश के स्वाभिमान को कुंठित करने का प्रयास किया.


आंदोलन ने विभाजन की सभी रेखाओं को समाप्त कर दिया है. जाति, पंथ, भाषा, क्षेत्र से ऊपर उठकर हिंदू संगठित हुआ है. तुष्टीकरण की राजनीति के कारण भारत की राष्ट्रीयता की परिभाषा भ्रमित कर दी गई थी. अब भारत की राष्ट्रीयता को किसी विदेशी आक्रांता से नहीं जोड़ा जा सकता. भगवान राम से बढ़कर राष्ट्र पुरुष कौन हो सकता है? 


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