Vidya Sambal Yojana: राजस्थान सरकार की विद्या संबल योजना पर उठ रहे सवाल, एक-एक कैंडिडेट 15-20 स्कूलों में कर रहे आवेदन
Vidya Sambal Yojana को लेकर सवाल यह उठ रहा है कि अगर नई भर्ती और प्रमोशन से शिक्षक आएंगे तो संविदा पर लगने वाले अभ्यर्थियों का क्या होगा? इसको लेकर विरोध जताया जा रहा है.
Udaipur News: युवाओं को रोजगार दिला बेरोजगारी दूर करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा लाई गई 'विद्याल संबल योजना' (Vidya Sambal Yojana) विरोध और सवालों के घेर में आ गई है. इस योजना में नौकरी पाने के लिए एक ही अभ्यर्थियों ने 15-20 से भी ज्यादा स्कूलों में आवेदन किए हैं. इससे विरोध के स्वर उठने लगे हैं. यही नहीं, सवाल भी उठ रहा है कि आखिर सभी पदों पर संविदा से अभ्यर्थी लगेंगे तो आगामी महीने में होने वाली परीक्षाओं से बने शिक्षक आएंगे और प्रमोशन होने पर पहले से लगे शिक्षकों की जगह बदलेगी तो संविदा पर लगे अभ्यर्थी कहा जाएंगे. इस बारे में कहीं से कोई जवाब नहीं है. इधर संविदा की सूची 12 नवम्बर को जारी हो जाएगी जिसमें पता चलेगा कि किसको नौकरी मिली.
किस्मत आजमाने के लिए ढेरों आवेदन
शिक्षकों से बात हुई तो उनका कहना है कि आवेदन को लेकर कोई नियम नहीं बनाए गए हैं. एक अभ्यर्थी प्रदेश के किसी भी स्कूल में आवेदन कर सकता हैं. ऐसे में एक ही अभ्यर्थियों ने अपनी किस्मत आजमा नौकरी पाने के लिए 15-20 स्कूलों में आवेदन कर दिया है. हालात यह है कि एक स्कूल में अगर 20 पद खाली होंगे तो उसमें 100 से भी ज्यादा आवेदन आए हैं. अब मेरिट के आधार पर सूची जारी होगी और अभ्यर्थियों को संविदा पर नौकरी मिलेगी. इनका वेतन घंटो के हिसाब से होगा.
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आखिर क्यों हो रहा है विरोध
विद्या संबल योजना के विरोध की खबरें भी कई क्षेत्रों से आई है. इसमें स्थानीय विधायक तक उतर गए हैं. यहीं नहीं कुछ एक जगह तो तालाबंदी की खबरें भी आई. इसके पीछे कारण है कि एक अभ्यर्थी ने अपने निवास स्थान के क्षेत्रीय स्कूल के अलावा अन्य स्कूलों में भी आवेदन कर दिया है. ऐसे में स्थानीय युवक विरोध कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि स्कूल के क्षेत्रीय स्थानीय युवकों को प्राथमिकता दी जाए. बाहरी युवक आएंगे तो स्थानीय का हक मारा जाएगा.
सवाल यह उठ रहे हैं
शिक्षकों का कहना है कि अगले साल 4 और 5 फरवरी को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की तरफ से 46500 पदों पर शिक्षक भर्ती होगी. साथ ही शिक्षा विभाग में पिछले दो साल से डीपीसी यानी डिपार्टमेंटल प्रमोशन नहीं हुए हैं. ऐसे में नई भर्ती से शिक्षक आएंगे और प्रमोशन से भी, दोनों की काउंसलिंग प्रक्रिया होगी जिनकी खाली पदों पर पोस्टिंग होगी. तो संविदा पर लगे अभ्यर्थियों का क्या होगा, क्योंकि जो भी संविदा पर अभ्यर्थी लगेंगे ऑनलाइन विभाग में वह पड़ भरा हुआ नहीं दिखाया जाएगा, मतलब पद खाली रहेगा जिसमें कॉन्सलिंग से पदों को भरे जाएंगे. ऐसी स्थिति में संविदा पर लगे अभ्यर्थियों को हटाया जा सकता है.
युवकों के साथ संविदा एक छलावा
राजस्थान शिक्षक एंव पंचायती कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने बताया कि संविदा भर्ती युवकों के साथ एक छलावा है. किसी प्रकार के कोई स्पष्ठ नियम नहीं बनाए हुए हैं. सवाल उठता है कि संविदा पर पद भरने के बाद भी वह खाली ही दिखाए जाएंगे. डीपीसी और नई भर्ती होगी जिनकी इन खाली पदों पर कॉन्सलिंग होगी. ऐसे में पद भरे जाएंगे तो संविदा पर लगे युवकों को कहा भेजेंगे. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए.