Bharatpur: नए जिलों की घोषणा कर क्या फंस गए सीएम गहलोत? भरतपुर में ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
Rajasthan Assembly Election: भरतपुर में ग्रामीणों ने आज कलेक्ट्रेट का घेराव किया और कलेक्टर को ज्ञापन देकर कहा कि वे डीग की बजाय भरतपुर में ही रहना चाहते हैं. यदि सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन उग्र होगा.
Bharatpur News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने जिस दिन से 19 नए जिले बनाने की घोषणा की है, उसी दिन से राजस्थान में धरना प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. जहां कुछ लोग अपने क्षेत्र को भी नया जिला घोषित करने की मांग कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग सीएम के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें पुराने जिले में ही रहना है. भरतपुर (Bharatpur) में पिछले 6 दिनों से इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. आज कुछ ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर भरतपुर कलेक्ट्रेट का घेराव भी किया.
चुनावों में सिखाएंगे क्षेत्रीय नेताओं को सबक
लोगों के विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ लोग इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक रोटियां भी सेकने में लगे हुए हैं क्योंकि अब से कुछ ही महीनों के बाद राज्य में विधानसभा का चुनाव होना है. विरोध कर रहे लोगों के बीच कहीं से यह बात भी उठ रही है कि वे क्षेत्रीय नेताओं को चुनावों में सबक सिखाएंगे.
भरतपुर में ग्रामीणों ने किया जिला कलेक्टर का घेराव
राजस्थान के भरतपुर के डीग को नया जिला बनाने की घोषणा की गई है जिस दिन से डीग को जिला बनाने की घोषणा की गई है उसी दिन से भरतपुर के आसपास के गांव के लोग विरोध कर रहे हैं. सरकार के इस फैसले को लेकर कुछ ग्रामीण आमरण अनशन पर भी बैठ गए हैं. आज भारी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष सचिवालय का घेराव करने पहुंचे और जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर लगभग 10 ग्राम पंचायतों को भरतपुर जिले में रखने की मांग की.
क्या कहना है ग्रामीणों का
जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि जिले के आसपास की लगभग 10 ग्राम पंचायतों ग्राम उवार, सोगर और रारह तहसील सहित भरतपुर जिले में ही रहने दिया जाए उन्हें डीग में न जोड़ा जाए.
मांग नहीं मानी तो होगा बड़ा आंदोलन
ग्रामीण परमवीर ने कहा की हम पिछले 6 दिन से अनशन पर बैठे हैं. गांव सागर और गांव उवार से आगे गांव हरचंद का नगला है और उससे भी आगे महंगाया गांव पड़ता है लेकिन यह गांव आगे होते हुए भी आज भी भरतपुर जिले में सम्मलित है लेकिन सोगर और उवार गांव से नगर निगम की दूरी सिर्फ 3 किलोमीटर है, गांव की भौगोलिक स्थिति भरतपुर की है उसके बाद भी दोनों गांव को डीग में सम्मलित किया जा रहा है, इसलिए हमारी सरकार के मांग है कि दोनों गांवों को भरतपुर में ही रखा जाए. अगर सरकार इस पर विचार नहीं करती तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
'सुनवाई नहीं हुई तो राहुल गांधी से करेंगे मुलाकात'
उन्होंने कहा कि अगर जिला स्तर पर हमारी सुनवाई नहीं होती है तो हम जयपुर जायेंगे और अगर जयपुर में भी सुनवाई नहीं हुई तो हम लोग राहुल गांधी से भी जाकर मिलेंगे और बतायेंगे की अगर दोनों गांव डीग जिले में शामिल कर दिए जाते हैं तो डीग जिले की गांव से दूरी करीब 50 किलोमीटर की होगी इससे ग्रामीणों को परेशानी होगी. अब देखना यह होगा कि 19 नए जिले बनाने का फैसला सीएम गहलोत के लिए सही साबित होगा या नहीं.
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