'मुझे खाना नहीं दिया जाता, महल से निकाल दिया गया', राजस्थान के पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पत्नी-बेटे पर लगाए आरोप
Vishvendra Singh News: एक ओर विश्वेंद्र सिंह ने पत्नी और बेटे पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है तो दूसरी ओर उनके परिवार वालों का दावा है कि विश्वेंद्र सिंह उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
Vishvendra Singh News: राजस्थान के पूर्व मंत्री और भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वेंदर सिंह अपनी पत्नी और बेटे के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए हैं. विश्वेंद्र सिंह का आरोप है कि बीते कई साल से उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर परेशान किया जा रहा है, ठीक से खाना नहीं दिया जाता और अब उन्हें घर से निकाल दिया गया है.
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर की गई याचिका में विश्वेंद्र सिंह ने कहा है कि उनकी पत्नी दिव्या सिंह और बेटा अनिरुद्ध सिंह उन्हें ठीक से जीवनयापन नहीं करने देते. ऐसे में उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि पत्नी और बेटे से भरण-पोषण का खर्च दिलवाया जाए. यह आवेदन उन्होंने 'माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007' के तहत किया है.
विश्वेंद्र सिंह की पत्नी और बेटे ने भी लगाया आरोप
इतना ही नहीं, पत्नी और भरतपुर की पूर्व सांसद दिव्या सिंह के साथ बेटे ने भी विश्वेंद्र सिंह पर पैतृक संपत्ति बेचने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है. अपनी याचिका में 62 वर्षीय विश्वेंद्र सिंह ने लिखा है कि वह दिल गंभीर की बीमारी ग्रसित हैं और अवसाद का सामना नहीं कर पाएंगे.
विश्वेंद्र सिंह ने यह आरोप भी लगाया है कि साल 2021 और 2022 में दो बार कोरोना से संक्रमित होने के बाद भी पत्नी और बेटे ने उनका ख्याल नहीं रखा और बीते कुछ साल से उनके खिलाफ विद्रोह कर रहे हैं. विश्वेंद्र सिंह ने दिव्या और अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया है. कोर्ट में दायर किए गए आवेदन में लिखा है कि उनको मारा-पीटा जाता है और उनके जरूरी दस्तावेजों के साथ कपड़े भी जला दिए गए हैं. मौखिक रूप से परेशान करने और किसी से मिलने न दिए जाने का भी आरोप लगाया गया है.
हर महीने 5 लाख रुपये मुआवजे की मांग
विश्वेंद्र सिंह का दावा है कि वह अपने महल से निकाले जाने के बाद से कहीं और रह रहे हैं. शुरुआत में वह जयपुर के सरकारी आवास में रहे और बाद में होटलों में कमरा लेकर रहे. विश्वेंद्र सिंह का आरोप है कि महल में रखीं प्राचीन वस्तुएं, ट्रॉफी, पेंटिंग और फर्नीचर सहित करोड़ों रुपये की पैतृक संपत्ति अब पत्नी और बेटे के कब्जे में है.
ऐसे में विश्वेंद्र सिंह नेअपनी पत्नी और बेटे से भरण-पोषण के रूप में हर महीने 5 लाख रुपये की मांग की है और यह भी लिखा है कि महल और सभी संपत्तियों का स्वामित्व उन्हें ट्रांसफर कर दिया जाए.
दिव्या-अनिरुद्ध सिंह ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
बीते रविवार (19 मई) विश्वेंद्र सिंह के कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने भरतपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें खुद पर लगे सभी आरोपों का खंडन किया. उन्होंने विश्वेंद्र सिंह पर उन्हें परेशान करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया. दिव्या सिंह का दावा है कि वह पैतृक संपत्ति बचाने की कोशिश कर रही हैं जबकि विश्वेंद्र सिंह सब बेचने में लगे हैं.
दिव्या सिंह ने कहा कि विश्वेंद्र सिंह ने मोती महल तक बेचने की कोशिश की, जिसकी वजह से पारिवारिक विवाद बढ़ गया. दिव्या सिंह ने कहा, "मेरा बेटा अनिरुद्ध सिंह मेरी देखभाल कर रहा है." वहीं, अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि उनके पिता उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं. उनका वकील हर सुनवाई में उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जबकि विश्वेंद्र सिंह हर बार तारीख मांग रहे हैं.
अनिरुद्ध सिंह ने आरोप लगाया कि वह मामले को पेशेवर तरीके से संभाल रहे हैं, जबकि विश्वेंद्र सिंह केवल अपने पक्ष में फैसला लेने के लिए एसडीएम पर दबाव बनाए जा रहे हैं. उन्होंने अपने पिता के आरोपों को झूठा बताया और कहा कि जब उन पर कथित तौर पर हमला किया गया तो उन्हें पुलिस के पास जाना चाहिए था.
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