बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर VHP ने जताई आपत्ति, राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने भारत सरकार से की ये मांग
Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं की हालत बद से भी बदतर होती जा रही है.
Rajasthan News: बांग्लादेश के वर्तमान हालात पर राजस्थान में विश्व हिन्दू परिषद ने कड़ी आपत्ति जताई है. VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने कहा कि बांग्लादेश के लोगों का गुस्सा आरक्षण व सरकार के प्रति था, लेकिन वहां के निर्दोष अल्पसंख्यकों पर अत्याचार क्यों किया गया. भारत में हिंदू मुस्लिम भाईचारे का राग अलापने वाले कथित मुस्लिम बुद्धिजीवी व उनसे जुड़ी संस्थाएं जैसे दारुल उलूम देवबंद, जमीयत उलमा ए हिन्द तथा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इन घटनाओं पर मौन क्यों हैं?
अमितोष पारीक ने आगे कहा कि निर्वाचित प्रधानमंत्री के त्यागपत्र देने और देश छोड़ने के बाद अराजक तत्व हावी हो गए हैं. इसलिए वहां पर कानून-व्यवस्था सर्वथा निष्प्रभावी हो चुकी है. इस अराजक स्थिति में वहां के आतंकवादी जिहादी तत्वों ने हिंदू समाज का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न शुरू कर दिया है. बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से हिन्दू अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुंचाया गया है.
बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत बद से बदतर
VHP राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने कहा कि समय-समय पर निरंतर अंतराल पर होने वाले ऐसे दंगों का ही परिणाम है कि बांग्लादेश में हिंदू जो विभाजन के समय 32% थे, अब 8% से भी कम बचे हैं और वे भी लगातार जिहादी उत्पीड़न का शिकार हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं के घर, मकान, दुकान, ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान व महिलाएं, बच्चे व उनकी आस्था व विश्वास के केंद्र मंदिर तक सुरक्षित नहीं हैं. वहां पीड़ित अल्पसंख्यक हिन्दुओं की हालत बद से भी बदतर होती जा रही है. उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय की यह जिम्मेदारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई करें. निश्चय ही भारत इस परिस्थिति में आंखे मूंद कर नहीं रह सकता.
निशाना बनाया जा रहा
विश्व हिंदू परिषद् राजस्थान के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश हिंसा और अराजकता से ग्रसित हो चुका है. पूरे बांग्लादेश के हर जिले में वीभत्स कुकृत्य होने की सूचना है. कट्टरपंथियों के निशाने से शमशान तक नहीँ बचे हैं. मंदिरों को भारी क्षति पहुंचाई गई है. बांग्लादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो जो हिंसा व आतंक का निशाना न बना हो.
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