Rajasthan Heat Wave: तेज गर्मी ने राजस्थान (Rajasthan) में कहर बरपा रखा है. हालात ये बन गए हैं कि कई गांवों में पीने के पानी की किल्लत (Water Problem) हो गई है. तेज गर्मी का सबसे बड़ा असर ये देखने को मिल रहा है कि, राजस्थान की ऐतिहासिक झील में पानी का लेवल माइनस में पहुंच गया है. 30 फीट क्षमता वाली इस झील में माइनस 0.5 जलस्तर रह गया है. सिंचाई विभाग (Irrigation Department) इसके पीछे बड़ा कारण झील (Lake) के पानी का दोहन और तेज गर्मी से वाष्पीकरण (Evaporation) को बता रहा है. झील के कई हिस्सों में वेट लैंड दिखने लगी है. संभावना जताई जा रही है कि इस बार औसत से अच्छी बारिश (Rain) नहीं हुई तो चिंता बढ़ जाएगी.
6 साल बाद बनी ये स्थिति
जिस झील की हम बात कर रहे हैं वो है उदयपुर संभाग के राजसमंद स्थित राजसमंद झील. ऐसा 6 साल के बाद हुआ है जब राजसमंद झील (Rajsamand Lake) का जलस्तर माइनस में पहुंचा है. वहीं, इस बार मार्च के महीने से भीषण गर्मी पड़ने से इस बार जल का वाष्पीकरण तेजी से हुआ है. सिंचाई विभाग के आकडों के अनुसार पूरे साल में 3 फीट पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है, लेकिन इस बार अक्टूबर से मई महीने तक 2 फीट पानी उड़ गया. आगामी दिनों में और तेज गर्मी पड़ने से जल तेजी से वाष्प होगा.
जनवरी तक बचा है पीने का पानी
जलदाय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि झील में अभी तक जनवरी 2023 तक पीने का पानी उपलब्ध है. ये झील 40 गांव की प्यास बुझा रही है, इन गांवों में पानी की सप्लाई इसी झील से की जा रही है. इस बार मानसून कैसा रहेगा, झील का भविष्य इसी बात पर निर्भर है. सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता औंकार बेरवाल ने बताया कि जलाशयों में वाष्पीकरण को रोकने के लिए एक प्रकार का लक्विड आता है, जिसे डालने से जलाशय से वाष्पीकरण कम होता है. राजसमंद झील में एक साल का पानी अभी है. ऐसे में इस बार मानसून की बारिश के बाद झील का जलस्तर क्या रहता है, इसके बाद विचार किया जाएगा.
ये भी पढ़ें:
Rajasthan: CM Ashok Gehlot ने RSS पर साधा निशाना, गौशालाओं को लेकर किया बड़ा एलान