Rajasthan Elections: राजस्थान के सभी जिलों में स्थापित होगी जल गुणवत्ता टेस्टिंग लैब, सीएम गहलोत के मंत्री ने बताया कैसा होगा मिशन 2030
Rajasthan Mission 2030: राजस्थान मिशन 2030 को लेकर संवेदीकरण बैठक, पीएचईडी-जल संसाधन विभाग से 6.37 लाख से अधिक हितधारक जुड़े विजन-2030 बनेगा राजस्थान के फ्यूचर रोडमैप का अहम दस्तावेज तैयार किये गए।
Rajasthan Mission 2030: जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी की अध्यक्षता में जल भवन में हुई जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग की संवेदीकरण बैठक हुई है. जिसमें राज्य सरकार के मिशन 2030 अभियान को लेकर प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों, हितधारकों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के बहुमूल्य सुझाव आमंत्रित किए गए है. पेयजल क्षेत्र में 2030 तक के विजन को लेकर प्रदेशवासियों की राज्य सरकार से आकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं पर भी चर्चा की गई है. बैठक में प्रदेशभर से पीएचईडी एवं जल संसाधन विभाग के छह लाख से अधिक हितधारक जुड़े हैं.
राजीव गाँधी के कार्य का दिलाया याद
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि जिस प्रकार 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने देश को 21 वीं सदी में ले जाने का सपना पूरा करने के लिए सूचना क्रांति का आगाज किया था और पूरे देश में कम्प्यूटर एवं संचार क्रांति आई थी. उसी प्रकार का सपना 2030 तक के राजस्थान का सपना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देखा है और वे मिशन 2030 लेकर आए हैं जिसके परिणाम दूरगामी होंगे और राजस्थान नंबर वन राज्य बनेगा. उन्होंने कहा कि विजन-2030 राजस्थान के फ्यूचर रोडमैप एवं प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनेगा.
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक शहरी क्षेत्र के सभी घरों में पेयजल उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं. अभी शहरी क्षेत्र में कुल 228 शहरों-कस्बों में 46 लाख 77 हजार घरों में से 32 लाख से अधिक घरों में नल से जलापूर्ति की जा रही है. अमृत 2.0 में 8 लाख 35 हजार तथा 15 वें वित्त आयोग तथा अन्य राज्य प्रवर्तित योजनाओं में 6 लाख 33 हजार घरों को नल कनेक्शन से लाभान्वित करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 228 शहरों-कस्बों को 24 घंटे में एक बार पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराना जलदाय विभाग के विजन-2030 में शामिल है.
सभी 50 जिलों में स्थापित होंगी जल गुणवत्ता जांच लैब
डॉ. जोशी ने पूरे प्रदेश में जल गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अभी 33 जिलों में यह प्रयोगशालाएं हैं, अब नए बने 17 जिलों में भी यह प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी. प्रदेश के पूरे 50 जिलों में ये लैब स्थापित होने से आमजन को मिलने वाले पेयजल की गुणवत्ता जांच में आसानी रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गैर राजस्व जल यानी छीजत अभी लगभग 30 प्रतिशत तक है. इसे 20 प्रतिशत से कम करने तथा अपशिष्ट जल को रि-साइकल कर 20 प्रतिशत तक जल का सदुपयोग करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं.
जोशी कहा कि मिशन 2030 का हिस्सा बनकर अपने बेहतरीन सुझाव साझा करें और दूसरों को भी जागरूक करते हुए विजन 2030 दस्तावेज को बेहतरीन एवं उपयोगी बनाने में भागीदार बनें हैं. एमडी (जल जीवन मिशन) अविचल चतुर्वेदी ने मिशन 2030 की एक रूपरेखा पेश की है. राजस्थान को नंबर वन बनाने के लिए पूरे प्रदेश के हितधारकों से फीडबैक लिया जा रहा है. उन्होंने जलदाय विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे जमीनी स्तर पर अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें हैं.
संयुक्त सचिव, आयोजना सुशील कुलहरी ने बताया कि मिशन 2030 की शुरूआत 15 अगस्त से हुई थी और यह 30 सितम्बर तक चलेगा. उन्होंने हर विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को राज्य के विकास के लिए उपयोगी सुझाव देने का आह्वान किया है.
स्वच्छता समिति सदस्य जुड़े
ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के करीब 6 लाख 29 हजार सदस्यों, करीब 2700 पीएचईडी के अधिकारी-कर्मचारियों, 6 हजार जल उपयोगिता संगम सदस्यों तथा दो हजार जल संसाधन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भागीदारी की है. ग्राम, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर आमजन ने भी वीसी के माध्यम से शिरकत की जिन्हें मिशन 2030 के बारे में जागरूक किया गया.
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