Rajasthan Water Train: भीषण गर्मी के बीच पश्चिमी राजस्थान में पानी की किल्लत से पेयजल संकट गहराता जा रहा है. इसी सप्ताह 15 अप्रैल से जोधपुर (Jodhpur) से पाली (Pali) ट्रेन के जरिए पानी भेजने की शुरुआत होगी. ये सिलसिला मानसून के सक्रिय होने तक चलेगा. खास बात ये है कि यह दोनों शहरों के बीच पिछले 2 दशकों में सबसे लंबी अवधि तक चलने वाली वाटर ट्रेन (Water Train) हो सकती है. इसके लिए जलदाय विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. ट्रायल भी पूरा कर लाया गया है. पानी के स्टोरेज के लिए डिस्कॉम के वाटर टैंक उपयोग में लिए जा रहे हैं. 14 तारीख के बाद कभी भी ट्रेन (Train) का पहला फेरा हो सकता है.


हर महीने इतने करोड़ होंगे खर्च 
जोधपुर से पाली 40 वेगन की वाटर ट्रेन चलेगी. इस लिहाज से करीब 20 लाख लीटर पानी एक बार के फेरे में पाली भेजा जाएगा. एक फेरे का खर्च भी करीब चार से साढ़े चार लाख रुपए आएगा. एक मई से प्रतिदिन 4 फेरे किए जाएंगे जिसमें 18 से 20 लाख रुपए खर्च होंगे. इस लिहाज से प्रति माह 5 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा. 


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अभी जोधपुर नहीं पहुंची है ट्रेन
वाटर ट्रेन अभी जोधपुर रेलवे स्टेशन नहीं पहुंची है. अभी वाटर ट्रेन की रतलाम और कोटा में वाशिंग की जा रही है. इसके यहां पहुंचने के 3 दिन बाद वाटर ट्रेन जोधपुर से पाली के लिए पहला फेरा करेगी. संभावित तारीख एक से दो दिन ऊपर होने की संभावना भी बनी हुई है.




ये होगी प्रक्रिया 
वाटर ट्रेन चलाने के लिए 2019 में जो प्रक्रिया अपनाई गई थी, इस बार भी कुछ वैसा ही होगा. कायलाना-तख्तसागर से ग्रेविटी के जरिए पानी न्यू पावर हाउस में बने पानी के हौद में स्टोर करके रेलवे ट्रैक पर बने हौद तक आएगा. यहां से पंप कर भगत की कोठी के डीजल शेड मार्ग के पास बने वाटर ट्रेन की रेक तक पहुंचाया जाएगा. यहां लगे हाइडेंट से वाटर ट्रेन भरी जाएगी. 


पूरी की जा रही हैं तैयारियां 
जोधपुर से पाली वाटर ट्रेन को लेकर मोटर और हौद की मरम्मत को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पीएचईडी के मुख्य अभियंता परियोजना नीरज माथुर और अतिरिक्त मुख्य अभियंता विनोद भारती ने बताया कि इसी सप्ताह ट्रेन का पहला फेरा होगा. जोधपुर और पाली दोनों जगह तैयारियां अंतिम रूप में पहुंच गई है.


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