West Central Railway News: पश्चिम मध्य रेलवे नित नए नवाचार कर रहा है, यात्री सुविधाओं में वृद्धि के साथ ही सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. इसके साथ ही नई तकनीक के समावेश से ट्रेनों के संचालन में जहां सुविधा हो रही है, वहीं समय की बचत हो रही है, यात्रियों को लाभ हो रहा है और रेलवे कर्मचारी के साथ विभाग भी नए आयाम स्थापित कर रहा है. इस बार पश्चिम मध्य रेलवे ने थिक वैब स्विच लगाकर रेल की सुरक्षात्मक गति बढ़ाने का कार्य किया है.
इस स्विच के माध्यम से पहले मेनवल पटरी को बदला जाता था, लेकिन ब ऑफिस में बैठे-बैठे ही कर्मचारी पटरी को बदल देगा और ट्रेन सुचारू रूप से चलती रहेगी. जहां पटरी बदलने का स्थान होता है स्विच को वहां लगाया जाता है. 160 की स्पीड पर भी ट्रेन की पटरी को बदला जा सकेगा, वहीं जहां पहले ट्रेन में यात्रियों को झटका लगता था वह भी नहीं लगेगा.
उपयोग किया जा रहा है अत्याधुनिक तकनीक
तीनों मंडलों पर थिक वैब स्विच पॉइंट मशीन लगाने का कार्य हो रहा तेज गति से वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक और जन सम्पर्क अधिकारी कोटा रोहित मालवीय ने बताया कि रेलवे की सुविधाओं को विस्तार के उद्देश्य से इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. आधुनिक तकनीक के कारण ही रेल सुरक्षा में वृद्धि हो रही है वहीं यात्रियों की यात्रा भी सुगम हो रही है.
तेज गति से किया जा रहा है मशीन लगाने का काम
पश्चिम मध्य रेल में विभिन्न रेल खण्डों में स्पीड को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करके उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है. रेलखण्डों में गति को बढ़ाने के लिए महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन में कार्यों को समय पर निष्पादित किया जा रहा है. जिसके अन्तर्गत तीनों मण्डलों पर थिक वैब स्विच पॉइंट मशीन लगाने का कार्य तेज गति से किया जा रहा है. यह कार्य रेलवे के इंजीनियरिंग, संकेत एवं दूरसंचार, परिचालन और विद्युत विभाग के सामूहिक प्रयासों से किया जा रहा है.
105 थिक वैब स्विच लगाने से ट्रेनों ने पकड़ी रफ्तार
चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल से जून माह यानी प्रथम तिमाही में पश्चिम मध्य रेल ने विभिन्न रेल यार्ड और टर्न आउट लोकेशन में 106 थिक वैब स्विच स्थापित किए है. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मण्डल की बात करें तो यहां 84 थिक वैब स्विच लगाए गए हैं. जबकि भोपाल मण्डल पर 06 थिक वैब स्विच और कोटा मण्डल पर 16 थिक वेब स्विच रेल लाइन में स्थापित किए जा चुके हैं और आगे भी निरंतर कार्य किया जा रहा है.
जून में लगाए गए इतने थिक वैब स्विच
अकेले जून माह की बात करे तो 29 थिक वेब स्विच स्थापित किए गए हैं, जिसमें जबलपुर मण्डल पर 12 थिक वेब स्विच, भोपाल मंडल पर 04 थिक वैब स्विच और कोटा मण्डल पर 13 थिक वेब स्विच रेल लाइन में स्थापित किए गए है. गत वित्तीय वर्ष में पश्चिम मध्य रेल में कुल 305 थिक वेब स्विच लगाए जा चुके है.
ट्रेनों को ले जाया जाएगा130 किमी प्रति घण्टे तक
थिक वैब स्विच लगाने के बाद ट्रेनों को 130 किमी प्रति घण्टे की स्पीड तक ले जाया जाएगा, मालवीय ने बताया कि थिक वैब स्विच लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा बढ़ेगी. पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते है, अभी तक उसमें परम्परागत स्विच का प्रयोग होता रहा है. लेकिन अब थिक वेब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है.
थिक वैब स्विच लगाने का मुख्य उद्देशय ट्रेनों को 130 किमी प्रति घण्टे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा. इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनें की गति 30 किमी प्रति घण्टे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी. इसके अलावा ट्रेनों के संचालन के समय नई तकनीकी के प्रयोग से कम्पन भी कम होगा.
नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट सम्बंधित फेलियर न के बराबर
थिक वैब स्विच ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ता है. इसके साथ ही इस नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट संबंधित फेलियर न के बराबर रह जाते है. इस पर अनुरक्षण व्यय पहले की तुलना में कम आता है. ट्रैक पर अनुमानित गति बढ़ाई जा सकती है और सामान्य प्वाईन्ट की तुलना में थिक वैब स्वीच की आधुनिक प्रणाली बहुत विश्वसनीय है.
इस स्विच के माध्यम से पहले मेनवल पटरी को बदला जाता था, लेकिन ब ऑफिस में बैठे-बैठे ही कर्मचारी पटरी को बदल देगा और ट्रेन सुचारू रूप से चलती रहेगी. जहां पटरी बदलने का स्थान होता है स्विच को वहां लगाया जाता है. 160 की स्पीड पर भी ट्रेन की पटरी को बदला जा सकेगा, वहीं जहां पहले ट्रेन में यात्रियों को झटका लगता था वह भी नहीं लगेगा.
उपयोग किया जा रहा है अत्याधुनिक तकनीक
तीनों मंडलों पर थिक वैब स्विच पॉइंट मशीन लगाने का कार्य हो रहा तेज गति से वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक और जन सम्पर्क अधिकारी कोटा रोहित मालवीय ने बताया कि रेलवे की सुविधाओं को विस्तार के उद्देश्य से इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. आधुनिक तकनीक के कारण ही रेल सुरक्षा में वृद्धि हो रही है वहीं यात्रियों की यात्रा भी सुगम हो रही है.
तेज गति से किया जा रहा है मशीन लगाने का काम
पश्चिम मध्य रेल में विभिन्न रेल खण्डों में स्पीड को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करके उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है. रेलखण्डों में गति को बढ़ाने के लिए महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन में कार्यों को समय पर निष्पादित किया जा रहा है. जिसके अन्तर्गत तीनों मण्डलों पर थिक वैब स्विच पॉइंट मशीन लगाने का कार्य तेज गति से किया जा रहा है. यह कार्य रेलवे के इंजीनियरिंग, संकेत एवं दूरसंचार, परिचालन और विद्युत विभाग के सामूहिक प्रयासों से किया जा रहा है.
105 थिक वैब स्विच लगाने से ट्रेनों ने पकड़ी रफ्तार
चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल से जून माह यानी प्रथम तिमाही में पश्चिम मध्य रेल ने विभिन्न रेल यार्ड और टर्न आउट लोकेशन में 106 थिक वैब स्विच स्थापित किए है. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मण्डल की बात करें तो यहां 84 थिक वैब स्विच लगाए गए हैं. जबकि भोपाल मण्डल पर 06 थिक वैब स्विच और कोटा मण्डल पर 16 थिक वेब स्विच रेल लाइन में स्थापित किए जा चुके हैं और आगे भी निरंतर कार्य किया जा रहा है.
जून में लगाए गए इतने थिक वैब स्विच
अकेले जून माह की बात करे तो 29 थिक वेब स्विच स्थापित किए गए हैं, जिसमें जबलपुर मण्डल पर 12 थिक वेब स्विच, भोपाल मंडल पर 04 थिक वैब स्विच और कोटा मण्डल पर 13 थिक वेब स्विच रेल लाइन में स्थापित किए गए है. गत वित्तीय वर्ष में पश्चिम मध्य रेल में कुल 305 थिक वेब स्विच लगाए जा चुके है.
ट्रेनों को ले जाया जाएगा130 किमी प्रति घण्टे तक
थिक वैब स्विच लगाने के बाद ट्रेनों को 130 किमी प्रति घण्टे की स्पीड तक ले जाया जाएगा, मालवीय ने बताया कि थिक वैब स्विच लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा बढ़ेगी. पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते है, अभी तक उसमें परम्परागत स्विच का प्रयोग होता रहा है. लेकिन अब थिक वेब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है.
थिक वैब स्विच लगाने का मुख्य उद्देशय ट्रेनों को 130 किमी प्रति घण्टे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा. इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनें की गति 30 किमी प्रति घण्टे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी. इसके अलावा ट्रेनों के संचालन के समय नई तकनीकी के प्रयोग से कम्पन भी कम होगा.
नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट सम्बंधित फेलियर न के बराबर
थिक वैब स्विच ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ता है. इसके साथ ही इस नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट संबंधित फेलियर न के बराबर रह जाते है. इस पर अनुरक्षण व्यय पहले की तुलना में कम आता है. ट्रैक पर अनुमानित गति बढ़ाई जा सकती है और सामान्य प्वाईन्ट की तुलना में थिक वैब स्वीच की आधुनिक प्रणाली बहुत विश्वसनीय है.