Rajasthan: पश्चिमी मध्य रेलवे का बड़ा कारनामा, एक साथ जोड़कर चलाई गई 3 तीन मालगाड़ियां, सफल हुआ परीक्षण
Western Central Railway: पश्चिमी मध्य रेलवे ने 3 माल गाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाया. जिससे उनकी लंबाई 1950 मीटर से लेकर 2250 मीटर तक हो गई. तीनों गाड़ियों में तीन गार्ड और लोको पायलट भी मौजूद रहे.
Rajasthan News: भारतीय रेलवे में नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं. सुरक्षा के साथ ही गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. पश्चिम मध्यम रेलवे द्वारा कई सफल परीक्षण किए जा रहे हैं. जिसके तहत तीन माल गाड़ियों को एक साथ जोडकर चलाया गया. कई रेलवे अधिकारियों ने भी इस प्रयोग पर आश्चर्य व्यक्त किया है. वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक व जनसम्पर्क अधिकारी रोहित मालवीय ने बताया कि इससे पहले दो गाड़ियों को कई बार जोड़कर चलाया गया था. लेकिन इस बार तीन गाड़ियों को जोड़कर चलाया गया है.
अन्य जोन में इस तरह के नवाचार पहले भी किए जा चुके है लेकिन पश्चिम मध्यम रेलवे में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया गया है.
‘3 गाड़ियो की लंबाई हुई 1950 मीटर से लेकर 2250 मीटर तक’
मंडल रेल प्रबंधक मनीष तिवारी के नेतृत्व में वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक सौरभ जैन एवं मंडल परिचालन प्रबंधक रवि प्रकाश वर्मा एवं परिचालन विभाग की समस्त टीम की अथक मेहनत द्वारा शुक्रवार को कोटा मंडल द्वारा पश्चिम मध्य रेलवे के इतिहास में प्रथम बार तीन माल गाडियों को जोडकर एक लॉग हॉल चलाने का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. एक गाडी में 58 डिब्बे होते हैं और एक गाडी करीब 650 से 750 मीटर की होती है. ऐसे में तीन गाडियों को जोड़ने पर इसकी लंबाई लगभग 1950 मीटर से लेकर 2250 मीटर तक हो गई. तीनों गाड़ियों में तीन गार्ड और लोको पायलट भी मौजूद रहे.
इस तरह से चलाई गई 3 गाड़ियां
रोहित मालवीय ने बताया कि इस लॉग हॉल को बनाने के लिए प्रथम दो माल गाड़ियो को कोटा यार्ड से अनुरक्षण के उपरान्त एवं तीसरी मालगाडी को गुडला थर्मल पॉवर प्लांटस से कोटा-रूठियाई खंड के भूलोन स्टेशन पर ले जाया गया. इस लॉग हॉल को चलाने से 2 माल गाड़ियों के पाथ की बचत की गई. अपातकालीन परिस्थितियों व गाड़ियों के अत्यधिक जमाव के समय उक्त लॉग हॉल का परिचालन गाडियों के परिवहन में अत्यधिक उपयोगी साबित होगा. लॉग हॉल बनाने के दौरान भूलोन स्टेशन पर सहायक परिचालन प्रबंधक उपेन्द्र सीपी सिंह भी उपस्थित रहे. भूलोन स्टेशन से यह लॉग हॉल 15 बजकर 37 मिनिट पर रवाना किया गया एवं 15 बजकर 55 मिनिट पर भोपाल मंडल को सुपुर्द किया गया.
80 से 100 की स्पीड़ पर चलाई गई गाड़ी
इन तीन माल गाडियों को जोड़ने के दौरान इन्हें सफलतापूर्ण चलाया गया है. खाली गाड़ी चलाई जाती है तो वह 80 से 100 की स्पीड पर चलेगी और यदि इसमें माल लदान हुआ तो इस गाडी को 60 की स्पीड के करीब चलाया जा सकता है. इस तरह से तीन ट्रेन चलाए जाने से जहां समय की बचत होगी, एक ही ट्रैक पर एक साथ चलने से तीन गाडियों की निगरानी नहीं होगी. एक ही जगह निगरानी करनी होगी. इसके साथ ही एक ही ट्रैक का इस्तेमाल किया जाएगा. 3 गाडियों का समय अलग होगा, अलग सिंगनल होंगे, अलग ट्रैक होगा. इस तरह की अनेक समस्याओं से निजात मिल सकेंगी. प्रयोग सफल रहने के बाद आगे भी इसे चलाए जाने की योजना है.