Agriculture News: रबी की प्रमुख फसल गेहूं कटाई की स्टेज पर आ चुकी है.कुछ जगहों पर कटाई हो भी चुकी है तो कुछ जगह चल रही है.ऐसे में माना जा सकता हैं कि 15-20 दिन में नए गेहूं बाजार में आ जाएंगे. बाजार में आने के बाद सबसे बड़ी समस्या भाव को लेकर होती है, क्योंकि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है.इसी कारण सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है और उसी पर खरीदती है.अब समर्थन मूल्य पर खरीद का और ज्यादा सरलीकरण किया गया है.सरकार अब समर्थन मूल्य पर ऑनलाइन  खरीदी करेगी. 


किसान किस बेवसाइट पर कराएंगे रजिस्ट्रेशन 


सरकार के निर्देशानुसार खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से राज्य में आरएमएस 2023-24 के दौरान समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद का कार्य उदयपुर संभाग में एक अप्रैल से 30 जून 2023 तक होगा.जिला कलेक्टर (रसद) ताराचंद मीणा ने बताया कि राज्य में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद का काम ऑनलाइन होगा.इसके लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है.इस पोर्टल का लिंक खाद्य विभाग की वेबसाइट ‘फूड डॉट राजस्थान डॉट जीओवी डॉट इन’(www.food.rajasthan.gov.in)पर गेहूं खरीद हेतु किसान रजिस्ट्रेशन नाम से उपलब्ध है. कलेक्टर ने किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के लिए इस ऑनलाइन पोर्टल का अधिकाधिक उपयोग के संबंध में जागरूकता करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए हैं. 


रजिस्ट्रेशन के लिए क्या करना होगा किसानों को


जिला रसद अधिकारी नरेश बुनकर ने बताया कि राज्य के किसान गेहूं विक्रय के लिए 25 जून 2023 तक सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक पंजीयन करवा सकेंगे.पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में जनआधार कार्ड अनिवार्य है.कृषक के जनआधार कार्ड में पंजीकृत परिवार के एक या एक से अधिक सदस्यों (जिनके नाम से गिरदावरी है) द्वारा भी पोर्टल पर पंजीकरण हो सकेगा.पंजीयन से पूर्व पंजीयनकर्ता जनआधार कार्ड में जानकारी (खाता संख्या,मोबाइल नंबर आदि) को अद्यतन करना होगा.वहीं भूमि संबंधी दस्तावेजों में पटवारी की ओर से जारी गिरदावरी की मूल प्रति,किराए की भूमि, बटाईदार,अनुबंध भूमि व बटाई का एग्रीमेंट हुआ है एवं रेंट एग्रीमेंट की प्रति,भूमि मालिक का जन आधार माह जिसमें बैंक संबंधी दस्तावेज बैंक पासबुक की प्रति,किसानों को उनकी उपज के समर्थन मूल्य का उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा.इसके लिए बैंक पासबुक की प्रति आवश्यक है.उन्होंने बताया कि कृषक पंजीयन से पूर्व जनआधार कार्ड में अपने खाते नंबर को अपडेट करें.खाता संख्या और आईएफएससी कोड में विसंगति के लिए कृषक स्वयं उत्तरदायी होगा.


रिजस्ट्रेशन के लिए गिरदावरी रिकार्ड में नाम होना जरूरी 
बुनकर ने बताया कि भूमि अभिलेख औऱ गिरदावरी के लिए खाद्य विभाग की ओर से विकसित सॉफ्टवेयर को राजस्व विभाग भू-प्रबंधन कार्यालय, राजस्थान के पास उपलब्ध भूमि अभिलेख गिरदावरी के ऑनलाइन रिकॉर्ड से एकीकृत किया गया है.गिरदावरी में जिसका नाम होगा,उसी का पंजीकरण मान्य होगा.यदि भूमि अभिलेख या गिरदावरी का ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है तो ऐसे प्रकरणों में पोर्टल पर किसान द्वारा भूमि अभिलेख का रिकॉर्ड स्वयं इंद्राज कर गिरदावरी की प्रमाणित प्रति अपलोड करना आवश्यक होगा.कृषक को पोर्टल पर क्रय केंद्र चुनने का विकल्प उपलब्ध कराया गया है.


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