Rajasthan News: कौआ पक्षी अक्सर घर की छतों पर दिखाई दे देता है. कौए का नाम आते ही दिमाग में उसकी इमेज बन जाती है, जो कि काले पक्षी के रूप में होती है. इस पक्षी पर तो गाने भी बने हुए हैं. अगर आपको कहें कि कौआ काला ही नहीं, बल्कि सफेद भी होता है तो शायद ही मान पाए, लेकिन ऐसा हुआ है. चित्तौड़गढ़ जिले के बेगू क्षेत्र में एक पक्षी प्रेमी ने सफेद कौए को देखा और अपने कैमरे में कैद कर लिया. यहां जो कौआ दिखाई दिया है उसमें सफेद रंग ज्यादा है लेकिन इसके साथ ही पीले और कुछ काले पंख भी हैं.


इसे अपने कैमरे कैद करने वाले पक्षी प्रेमी राजू सोनी ने बताया कि किसी भी पक्षी का अपने सामान्य रंग से हटकर अलग रंग का नजर आना पक्षी प्रेमियों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हमेशा कौतूहल का विषय रहा है. इस वजह से अक्सर सामान्य से अलग नजर आने वाले पक्षियों को देखे जाने की सूचना महत्त्वपूर्ण होती है. इसी तरह का दुर्लभ ल्यूसिस्टिक हाउस क्रो (सफेद कौआ) चित्तौड़गढ़ जिले की बेगू तहसील के आवलहेड़ा गांव में नजर आया है, जो कि संभवतया राजस्थान से घरेलू कौए में ल्यूसिज्म का पहला मामला है. यह स्थानीय पक्षी प्रेमियों और पक्षी वैज्ञानिकों के साथ अन्य कौवों के लिए भी कौतूहल का विषय है.


आम कौए के साथ ही रहता है
 
राजू सोनी ने आगे बताया कि सितंबर 2021 में यह दुर्लभ ल्यूसिस्टिक हाउस क्रो अवलहेड़ा गांव में एक डिश टीवी पर बैठा पहली बार नजर आया था. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होने के कारण तब से वह इसकी लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं और उसी गांव में यह कौआ कई बार देखा गया. पक्षियों में आनुवांशिक बदलाव के कारण रजकों का अभाव हो जाता है और विभिन्न प्रजातियों में शरीर का रंग पूर्णतया या आंशिक रूप से उड़ जाता है.


पूर्णतया रंजकों के अभाव को एल्बिनिज्म कहते हैं, जबकि आंशिक रूप से रंजकों के अभाव होने को ल्यूसिज्म कहा जाता है. आंवलहेड़ा में नजर आया यह घरेलू कौआ ल्यूसिस्टिक किस्म का है और अन्य आम कौए के साथ ही रहता है. बेगूं क्षेत्र में इसकी उपस्थिति पक्षी प्रेमियों के साथ आम लोगों में भी कौतूहल का विषय हैं.


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