Rajasthan News: शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान अंगदान और देहदान जागरूकता अभियान की वजह से कोटा और उसके आसपास के जिलों में देहदान के प्रति जागरूकता बढ़ी है. मेडिकल स्टूडेंट को शिक्षा के लिए मृत देह की आवश्यकता होती है. उनकी यह जरूरत पूरी नहीं हो पा रही हैं. इसे उपलब्ध कराने के लिए कुछ संस्थाएं प्रयास कर रही हैं.इससे मेडिकल स्टूडेंट की शिक्षा में सहायता मिलती है.एक वर्ष पूर्व संस्था के सदस्यों ने निश्चित किया था कि झालावाड़ जिले में देहदान के कार्य को बढ़ाने के लिए कोटा में शोकाकुल परिवारों प्रेरित किया जाएगा. यदि परिजन सहमति देंगे तो पार्थिव देह को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज को सौंपा जाएगा.


पत्नी ने जताई थी इच्छा


संस्था के प्रयासों की वजह से वल्लभ नगर निवासी देवेंद्र करनावट के ससुर बुधमल समदरिया का हृदयघात से आकस्मिक निधन हुआ. उनकी पत्नी लीला देवी,बेटियां ममता, सपना, पूनम और बेटे महेंद्र समदरिया की सहमति से पहले उनका नेत्रदान का कार्य संपन्न कराया गया.नेत्रदान की प्रक्रिया के दौरान ही लीला देवी ने अपने पति के पार्थिव शव को मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए दान करने की इच्छा जताई. डॉक्टर कुलवंत गौड़ ने उसी समय परिवार के अन्य सदस्यों से सहमति लेकर शुक्रवार को समदरिया जी का पार्थिव शरीर झालावाड मेडिकल कॉलेज के शरीर रचना विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ.मनोज शर्मा को सौंपा.पार्थिव देह को सौंपते समय,वहां बुधमल की बेटा महेंद्र,बेटी पूनम,भाई देवेंद्र समदरिया,दामाद देवेन्द्र करनावट,के साथ शाइन इंडिया के डॉ.कुलवंत गौड़ मौजूद थे.


एक साल में चौथा देहदान 
महादानी श्री महर्षि दधीचि देहदान समिति कोटा के सचिव गोपाल शर्मा जी ने बेटियों द्वारा पिताजी के देहदान के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि,देहदान से मेडिकल कॉलेज के आने वाले चिकित्सक तो अध्ययन करते ही हैं साथ ही देहदान करने वाली पुण्य आत्मा को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है.डॉ मनोज शर्मा ने देहदानी परिवार का धन्यवाद देते हुए कहा कि शोक के समय में देहदान करने का निर्णय पूरे समाज और देश के लिए प्रेरणादायक व अनुकरणीय है.


शाइन इंडिया के माध्यम से यह पिछले एक साल में चौथा देहदान है.इससे पहले कमलाबाई जैन,रघुनंदन पोखर और अशोक जैन का शव उनके परिजनों ने दान किया था.


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