Jaipur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अभी 10 महीने का समय बचा है. लेकिन बीजेपी (BJP) सोशल इंजीनियरिंग में जुट गई है. इसके लिए केंद्र की सरकार से लेकर राज्य के संगठन तक को तैयार किया जा रहा है.केंद्र सरकार में भी फेरबदल की चर्चा है. राजस्थान से एक से दो लोगों को केंद्रीय मंत्रीमंडल में जगह मिलने की बात कही जा रही है.चर्चा है कि बीजेपी इस सोशल इंजीनियरिंग में बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena ) पर दांव लगा सकती है. इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है. चर्चा तो यहां तक है कि पिछले दिनों अलवर में एक शादी समारोह में जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से किरोड़ी लाल मीणा की मुलाकात हुई तो मुख्यमंत्री ने उन्हें दिल्ली जाने तक की बधाई दे दी.इसके बाद से चर्चा और तेज हो गई है.तो क्या बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग में यह कदम फिट बैठेगा. जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी.


धरने पर नहीं लौटे हैं किरोड़ी लाल मीणा 


पिछले दिनों पेपर लीक और अन्य मामलों को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने बड़ा धरना-प्रदर्शन किया था.उसी समय पीएम नरेंद्र मोदी को 12 फरवरी को दौसा था. उसके पहले ही किरोड़ी ने अपना धरना स्थगित कर दिया था.सरकार को सात दिनों का समय दिया था.अगर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से सात दिन बाद फिर धरना देने की बात कही थी. लेकिन अब सात दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी धरना फिर से शुरू नहीं हुआ.इसके पीछे कई वजह बताई जा रही है.सूत्रों की माने तो किरोड़ी को इंतजार है बस 'आलाकमान'के अगले आदेश का.इसलिए अब एक अजीब सी राजनीतिक शांति छाई हुई है. 


केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान की हिस्सेदारी


आंकड़ों को देखा जाय तो राजस्थान से लोकसभा और राज्यसभा में बीजेपी के कुल 28 सदस्य मौजूद हैं.वहीं अगर केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान की भागीदारी की बात करें तो सिर्फ चार मंत्री राजस्थान से हैं. ये हैं लोकसभा सदस्य गजेंद्रसिंह शेखावत,अर्जुनराम मेघवाल और कैलाश चौधरी और एक राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं.हालांकि,इनसब के बावजूद बीजेपी यहां पर सोशल इंजीनियरिंग में अपने को कमजोर महसूस कर रही है.


जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत गैर आरक्षित वर्ग से आते हैं, वहीं बाकी तीन मंत्री आरक्षित वर्ग में आते हैं.मोदी मंत्रिमंडल में राजस्थान से कोई भी आदिवासी वर्ग से मंत्री नहीं है.ऐसे में आदिवासी वर्ग से किसी बड़े चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.राज्य के पार्टी संगठन में एक दो नई नियुक्तियां हो सकती हैं.


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