Congress Leaders on Women Reservation Bill: केंद्र सरकार ने विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण के लिए बिल को सदन में पेश किया. इस बोल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम है. देश भर में इस बिल की चर्चा हो रही है. महिला वर्ग में भी इसको लेकर विचार रखे जा रहे हैं. ऐसे में एबीपी न्यूज ने राजस्थान (Rajasthan) के मेवाड़ (Mewar) की बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congrss) महिला नेताओं से बातचीत कर उनके विचार जानें. बीजेपी की महिला नेताओं ने तो इसे महिलाओं के लिए बेहतर बताया ही कांग्रेस महिला नेताओं ने भी इस बिल का स्वागत किया, लेकिन स्वागत के साथ ही शर्त भी रखी.


बीजेपी नेता और उदयपुर जिला परिषद सदस्य सुनीता मंडावत ने कहा कि मोदी सरकार महिलाओं के लिए बिल लेकर आई है. आप सोचिए कि लोकसभा और विधानसभा में संख्या बढ़ने के बाद कई महिलाएं बैठेंगी. वह क्या ऐतिहासिक दृश्य होगा. मोदी सरकार ने दूर की सोच रखते हुए इस बिल को पेश किया है. मैं तो यह कहना चाहती हूं की कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि मनमोहन सिंह सरकार के समय बिल पेश कर दिया गया था. अरे उनमें दम होता तो वह बोल पास हो गया होता. मोदी सरकार ने यह बिल पास भी होगा और लागू भी होगा. वहीं बीजेपी पार्षद सोनिका ने भी कहा कि ये बिल महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद करेगा.


कांग्रेस की महिला नेताओं ने क्या कहा
वहीं जिला परिषद सदस्य कामिनी गुर्जर ने कहा कि यह जुमला है और चुनावी स्टंट है. जैसे ही चुनाव करीब आते हैं, तो पीएम मोदी इसी प्रकार के कई स्टंट करते हैं, ताकि वो वोटों की राजनीति कर सकें. ऐसा था तो 2014 से सरकार है, इतने वर्षों में उन्होंने ये काम क्यों नहीं किया. अब तक तो यह लागू भी हो चुका होता. वहीं कांग्रेस की महिला नेता नजमा मेवाफरोश ने कहा कि इस बिल का स्वागत करते हैं, यह महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए है. मैं खुद स्वागत में खुशी से थाली बजाऊंगी, लेकिन दो तीन वर्षो का इंतजार नहीं करना. इसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए. 


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