International Women's Day 2024: देश दुनिया की आधी आबादी महिलाओं की है. उनके लिए आज यानी आठ मार्च का दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन महिलाओं की उपलब्धियां को सलाम करने का दिन है. इस दिन महिलाओं की सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक सहित तमाम उपलब्धियां को एक उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. साथ ही महिलाओं को एहसास भी कराया जाता है कि वो कितनी खास हैं. 


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ऐसी कुछ खास महिलाएं हैं, जो समाज में महिलाओं के उत्थान और बच्चों के लिए विशेष कार्य कर रही हैं. ऐसी ही एक महिला जोधपुर में रहने वाली निरूपा पटवा हैं. वो पिछले कई सालों से महिलाओं के उत्थान और समाज के लिए काम कर रही हैं. उनका मानना है कि महिलाओं का विकास होगा, तो घर में शहर में और देश में स्वतः ही सब कुछ ठीक हो जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर निरूपा पटवा ने बताया कि आमतौर पर अधिकतर महिलाएं घर परिवार तक ही सीमित रहती हैं.


पांच साल पहले शुरू किया था काम
निरूपा पटवा ने बताया कि महिलाओं के पास बहुत टैलेंट होने के बावजूद उन्हें सही प्लेटफॉर्म नहीं मिलता. इसी को देखते हुए मैंने आज से ठीक पांस साल पहले पांच महिलाओं के साथ मिलकर काम शुरू किया. आज 200 से अधिक महिलाएं हमारे ग्रुप में हैं. इस ग्रुप के जरिए महिलाओं को टैलेंट सिखाया जाता है. उनके टैलेंट को सही प्लेटफॉर्म देकर उन्हें रोजगार भी मुंहैया कराया जाता है, जिससे कि महिलाएं आत्मनिर्भर बन जाएं. उन्होंने बताया कि सेल्फ डिफेंस के कई कैंप किए गए और तकरीबन 10 हजार महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है. 


महिलाओं को सही प्लेटफॉर्म दिया-निरूपा पटवा
निरूपा पटवा ने बताया कि हमने महिलाओं को लेकर कई तरह की कैंप लगाए हैं. गुड टच, बेड टच, मेंटल हेल्थ के लिए कई तरह की सेशन शुरू किए हैं. इससे महिलाओं को लाभ मिल रहा है. इतना ही नहीं हमारी संस्था 40 हजार गरीब बच्चों तक स्कूली सामग्री पहुंचा चुकी है. निरूपा ने बताया कि हमने अपनी संस्था के तहत कई महिलाओं को सही प्लेटफॉर्म दिया है, जिससे वह महिलाएं घर पर रहकर ही अपना व्यवसाय कर रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं. 


महिलाएं सक्षम होंगी तो परिवार सक्षम होगा-निरूपा पटवा
निरूपा ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ महिलाओं के लिए खास कैंप भी लगाए जाते हैं. उन कैंपों के जरिए महिलाओं को सभी तरह की नॉलेज दी जाती है. महिलाओं के अंदर के डर को दूर करके उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया जाता है. मेरा मानना है कि महिलाएं सक्षम होंगी तो परिवार भी सक्षम होगा. हमारी संस्था के जरिये महिलाओं में दान पुण्य को लेकर भी जागरूकता फैलाने का काम किया जाता है.


निरूपा पटवा ने बताया कि हमारी संस्था से जुड़ी सभी महिलाएं हर जाति वर्ग के लोगों को जोड़ रही हैं. पिछड़े इलाकों और गरीब बस्तियों में जाकर अब महिलाओं को शिक्षा के साथ उन्हें रोजगार कैसे शुरू किया जाए, हम उस पर काम करते हैं. सरकारी योजनाओं का उन्हें लाभ दिलाते हैं. हम कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए बालों का प्रबंध करने का काम करते हैं.


ये भी पढ़ें-क्या आप लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे? सचिन पायलट बोले- 'मुझे लगता है कि...'